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यूरोप के इतिहास की सबसे बड़ी डकैती, दो इंवेस्टमेंट बैंकर ने कुछ इस तरह चुराए 4.2 लाख करोड़ रुपये

मार्टिन और पॉल बैंक ऑफ अमेरिका के निवेश बैंकिंग प्रभाग मेरिल लिंच के लिए काम करते थे। 2004 में दोनों की मुलाकात लंदन स्थित मेरिल के दफ्तर में हुई।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 10:25 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 10:30 PM (IST)
यूरोप के इतिहास की सबसे बड़ी डकैती, दो इंवेस्टमेंट बैंकर ने कुछ इस तरह चुराए 4.2 लाख करोड़ रुपये
यूरोप के इतिहास की सबसे बड़ी डकैती, दो इंवेस्टमेंट बैंकर ने कुछ इस तरह चुराए 4.2 लाख करोड़ रुपये

न्यूयॉर्क, न्यूयार्क टाइम्स। इसे सदी की डकैती या यूरोप के इतिहास की सबसे बड़ी टैक्स चोरी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। दो इंवेस्टमेंट बैंकर मार्टिन शील्ड व पॉल मोरा ने 'कम एक्स ट्रेडिंग' स्कीम के जरिये यूरोप के कई देशों के खजाने से 60 अरब डॉलर (4.2 लाख करोड़ रुपये) की कर चोरी की। इस काम में सैकड़ों बैंकर, निवेशक और वकीलों ने भी उनका साथ दिया, लेकिन उन्हें पता ही नहीं चला कि आखिर खेल क्या चल रहा है? कर चोरी के इस सनसनीखेज घोटाले को 2006-2011 के बीच अंजाम दिया गया।

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मार्टिन और पॉल बैंक ऑफ अमेरिका के निवेश बैंकिंग प्रभाग मेरिल लिंच के लिए काम करते थे। 2004 में दोनों की मुलाकात लंदन स्थित मेरिल के दफ्तर में हुई। यहीं पर दोनों ने मिलकर 'कम एक्स ट्रेडिंग' नामक स्कीम शुरू की। इसके तहत निवेशकों को डबल टैक्सेशन यानी दोहरे कराधान से बचाया जाता था। इसका मतलब यह हुआ कि निवेश के चलते होने वाली कमाई पर कम से कम टैक्स लगे और ज्यादा से ज्यादा बचत हो। डिविडेंड टैक्स पेमेंट पर डबल रिफंड

दरअसल ब्रिटेन निवासी मार्टिन और न्यूजीलैंड वासी पॉल इतने जानकार और चतुर थे कि डिविडेंड टैक्स पेमेंट पर डबल रिफंड लेते थे। यह पूरा खेल सही टाइमिंग और कानून की कमजोरियों का इस्तेमाल करने वाला था। और इस काम में इन्हें महारत हासिल थी। ज्यादा बचत के कारण 'कम एक्स ट्रेडिंग' का कारोबार तेजी से फैलता गया।

जर्मनी को सबसे ज्यादा 30 अरब डॉलर का नुकसान

दोनों की टैक्स चोरी के इस मकड़जाल में फंसकर जर्मनी को सबसे बड़ा नुकसान हुआ। उसको खजाने को 30 अरब डॉलर (2.1 लाख करोड़ रुपये) का चूना लगा। जर्मनी के बाद फ्रांस 17 अरब डॉलर (1.2 लाख करोड़ रुपये) की टैक्स चोरी का शिकार हुआ। इसके अलावा स्पेन, इटली, बेल्जियम ऑस्टि्रया, नॉर्वे, फिनलैंड, पोलैंड जैसे देशों को भी टैक्स चोरी के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ा।

भारतीय मूल के संजय शाह ने भी हाथ साफ किया

दुबई में रह रहे भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक संजय शाह भी कर चोरी की इस वारदात में शामिल रहे। शाह ने भी मार्टिन व पॉल से सीख लेते हुए 'कम एक्स ट्रेडिंग' की तर्ज पर डेनमार्क के सरकारी खजाने पर हाथ साफ किया। उन्होंने डेनमार्क के सरकारी खजाने को 2 अरब डालर (14 हजार करोड़ रुपये) का चूना लगाया। हालांकि शाह ने किसी भी किस्म की धांधली में अपना हाथ होने से साफ इन्कार किया।

जर्मनी की अदालत में चल रही सुनवाई

यूरोप के इतिहास की इस सबसे बड़ी कर चोरी के इस मामले की सुनवाई फिलहाल बॉन (जर्मनी) की एक अदालत में पिछले वर्ष सितंबर से चल रही है। फरवरी तक चलने वाली अदालती सुनवाई में जर्मन अभियोजकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती मार्टिन और पॉल को दोषी साबित करने की है। उन्हें बताना है कि कैसे इस स्कीम के जरिये इतनी बड़ी कर चोरी हो गई। हालांकि सुनवाई कर रहे जज ने पिछले महीने 'कम एक्स ट्रेडिंग' स्कीम को सरकारी खजाने की लूट का सामूहिक प्रयास करार दिया। जर्मन अभियोजकों ने इस मामले में 400 अन्य सदिग्धों की भी शिनाख्त की है। उनको भी अदालत में घसीटने की तैयारी है।


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