Move to Jagran APP

Backyard Worlds: Planet 9 project: मिले दो भूरे रंग के ड्वार्फ ऑब्जेक्ट, मात्र 3 फीसद है आयरन: शोध जारी

सिटीजन साइंटिस्ट की मदद से नासा के फंड से चलाए जा रहे प्रोजेक्ट के तहत दो ड्वार्फ ऑब्जेक्ट का पता चला है जिनमें अन्य तारों की तुलना में खुद को पावर देने की क्षमता नहीं है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 09:37 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 11:08 AM (IST)
Backyard Worlds: Planet 9 project: मिले दो भूरे रंग के ड्वार्फ ऑब्जेक्ट, मात्र 3 फीसद है आयरन: शोध जारी
Backyard Worlds: Planet 9 project: मिले दो भूरे रंग के ड्वार्फ ऑब्जेक्ट, मात्र 3 फीसद है आयरन: शोध जारी

वाशिंगटन, एएनआइ। सिटीजन साइंटिस्ट की मदद से एस्ट्रोनॉमर्स ने गैस के दो ब्राउन कलर के बौने (dwarfs) ऑब्जेक्ट और गैस के एक बॉल की खोज की है इनके पास रोशनी नहीं है जैसा आमतौर पर तारों में होती है। दूसरे शब्दों में तारों की तरह खुद को पावर देने की क्षमता इनमें नहीं है। इसमें मौजूद आयरन की मात्रा को देख वैज्ञानिक भी हैरान हैं क्योंकि यह काफी कम है।  नासा द्वारा दिए गए फंड से जारी 'बैकयार्ड वर्ल्ड प्लेनेट 9 प्रोजेक्ट' के तहत इन अचंभित करने वाले ऑब्जेक्ट का पता चला है। इनका वजन ज्यूपिटर की वजन के करीब 75 गुना है और ये करीब 10 बिलियन साल से अंतरिक्ष में घूम रहे हैं।

loksabha election banner

मिल्की वे के पुराने तारों की झुंड में ये दोनों प्लेनेट की तरह दिखने वाले ऑब्जेक्ट का पता लगा है। इस नई खोज के सहारे एस्ट्रोनॉमर्स हमारे सोलर सिस्टम के बहार रहने वाले प्लेनेट के बारे में अध्ययन करेंगे। इसमें नासा के NEOWISE ( Near-Earth Object Wide-Field Infrared Survey Explorer ) सैटेलाइट से मिले डाटा का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही 2009 से 2011 के बीच संकलित तमाम आकाशीय जानकारियों को भी इसमें शामिल किया गया।

इंफ्रारेड लाइट में इसे देख हतप्रभ हैं वैज्ञानिक

जब इन ड्वार्फ ऑब्जेक्ट को इंफ्रारेड लाइट के एक विशेष वेवलेंथ के तहत देखा गया तब ये ब्राउन ड्वार्फ कुछ अलग नजर आए। ये किसी तारे या ग्रह से मेल नहीं खाते हैं। वैज्ञानिक इन्हें देख हतप्रभ हैं क्योंकि इनमें काफी कम मात्रा में आयरन है । आमतौर पर एक ब्राउन ड्वार्फ में इस नए मिले ड्वार्फ की तुलना में 30 गुना अधिक आयरन व अन्य मेटल होने चाहिए। इनमें से एक ब्राउन ड्वार्फ में केवल 3 फीसद आयरन है। वैज्ञानिकों का मानना है कि काफी पुराने एक्सोप्लेनेट में कम मात्रा में मेटल हुआ करते थे। इन ड्वार्फ के मिलने के बाद यह तो तय हो गया है कि भविष्य में और भी इस तरह के ऑब्जेक्ट मिल सकते हैं।

हो सकता है काफी पुराना एक्सोप्लेनेट

वैज्ञानिकों ने इन नए ऑब्जेक्ट को 'first extreme T-type subdwarfs' का नाम दिया है। एस्ट्रोफिजिसिस्ट मार्क कुचनर (astrophysicist Marc Kuchner) ने बताया, 'ये ड्वार्फ काफी अधिक प्राचीन एक्सोप्लेनेट से मेल खाते हैं और ये सोलर सिस्टम से बाहर मौजूद प्लेनेट के अध्ययन में मदद करेंगे।' कुचनर Backyard Worlds: Planet 9 के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर और नासा के साइंस मिशन डायरेक्टरेट के सिटिजन साइंस ऑफिसर हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.