आज पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेंगे दो बड़े एस्टेरॉयड, जानिए इससे कितना ज्यादा खतरा है
भारतीय समयानुसार आज शाम में पृथ्वी के पास से दो बड़े एस्टेरॉयड(धूमकेतु) गुजरने वाले हैं। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने इस बात की जानकारी दी है।
वाशिंगटन, एजेंसी। आज पृथ्वी के पास से दो बड़े एस्टेरॉयड(धूमकेतु) गुजरने वाले हैं। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस बात की जानकारी दी है। नासा की जानकारी के मुताबिक ये दोनों एस्टेरॉयड(धूमकेतु) पृथ्वी की कक्षा से होकर गुजरेंगें। 2000 QW7 और 2010 C01 नाम के ये दो बड़े एस्टेरॉयड(धूमकेतु) पृथ्वी और चंद्रमा के बीच से होकर गुजरेंगे। नासा ने इस बात की पुष्टि की है कि इन दोनों एस्टेरॉयड(धूमकेतु) से पृथ्वी पर कोई खतरा नहीं है। नासा ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
— NASA (@NASA) September 12, 2019
आज शाम गुजरेंगे दोनों एस्टेरॉयड
नासा के अनुसार 2000 QW7 नाम का पहला एस्टेरॉयड(धूमकेतु) 950 से लेकर 2100 फुट का हो सकता है। 2000 QW7 धूमकेतु 14 सितंबर को भारतीय समय शाम 5 बजकर 30 मिनट पर पृथ्वी की कक्षा के पास से गुजरेगा।जबकि नासा की ही जानकारी में बताया गया है कि 2010 C01 नाम का एस्टेरॉयड(धूमकेतु) 400 से 850 फुट का है, जो भारतीय समयानुसार 14 सितंबर की रात 11 बजकर 42 मिनट पर पृथ्वी की कक्षा के पास से निकलेगा।
कितने बड़े आकार के हेैं एस्टेरॉयड
इन दोनों एस्टेरॉयड(धूमकेतु) के आकार को लेकर भी नासा ने एक अहम जानकारी साझा की है। नासा के मुताबिक इन दोनों एस्टेरॉयड(धूमकेतु) का आकार दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग बुर्ज खलीफा जितना है। बता दें बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 828 मीटर बताई जाती है, लिहाजा आप एस्टेरॉयड(धूमकेतु) के आकार का अंदाजा इससे लगा सकते हैं।
पृथ्वी पर कोई खतरा नहीं
नासा के एक अधिकारी ने बताया कि कक्षा(Orbit) की जांच के बाद पृथ्वी पर इसका कोई खतरा नहीं है। नासा इन दोनों धूमकेतुओं(एस्टेरॉयड) पर लगातार नजर बनाए हुए है। नासा ने एक एस्टेरॉयड(धूमकेतु) पर साल 2000 से नजर बनाए हुए थी तो दूसरे एस्टेरॉयड(धूमकेतु) पर साल 2010 से नासा की नजर थी।
2013 में रूस के शहर से टकराया था एस्टेरॉयड
साल 2013 में रूस के चेलियाबिंस्क शहर में एक छोटा पिंड टकराया था, जिसकी वजह से 66 फीट गहरा गड्ढा हो गया था। यह टक्कर दक्षिणी यूराल क्षेत्र में हुई थी जिसके कारण करीब 1500 लोग घायल हो गए थे और संपित्तयों को काफी नुकसान पहुंचा था। यह इतनी तेज घटना थी जिसे लोग समझ ही नहीं पाए थे।
क्या होते हैं धूमकेतु
हमारे सौरमंडल में मंगल और बृहस्पति ग्रह की कक्षाओं के बीच एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें छोटे बड़े हजारों खगोलीय पिंड मौजूद हैं, जिन्हें एस्टेरॉयड के नाम से जाना जाता है। इनमें एक खगोलीय पिंड तो 950 किलोमीटर के व्यास का भी है। एस्टेरॉयड सूर्य की परिक्रमा करते हैं। हमारे सौरमंडल में करीब एक लाख एस्टेरॉयड मौजूद हैं, जो अलग-अलग आकार के हैं।
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