अमेरिका के दुश्मन नहीं हैं सीरिया के राष्ट्रपति असद: तुलसी गबार्ड
अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद तुलसी गबार्ड ने कहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद अमेरिका के दुश्मन नहीं हैं।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद तुलसी गबार्ड ने कहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद अमेरिका के दुश्मन नहीं हैं। वर्ष 2020 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवारी पाने की होड़ में लगीं गबार्ड ने एक इंटरव्यू में कहा, 'असद अमेरिका के दुश्मन नहीं हैं क्योंकि सीरिया से अमेरिका को कोई सीधा खतरा नहीं है।'
असद से मुलाकात कर चुकी हैं गबार्ड
गबार्ड ने दो साल पहले सीरिया में असद से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, अमेरिका के लिए खतरा कौन पैदा कर रहा है, यह तय करना ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह पूछने पर कि क्या असद अच्छे व्यक्ति हैं, गबार्ड ने कहा कि ऐसा नहीं है। सीरिया में पिछले कुछ वर्षो से चल रहे गृहयुद्ध के दौरान असद पर रासायनिक हथियार इस्तेमाल करने के आरोप हैं। गबार्ड ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अमेरिका का विरोधी बताया।
तुलसी गबार्ड का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि अमेरिका सीरिया के राष्ट्रपति असद को अपना दुश्मन मानता है। ऐसे अगर आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की जीत होती है तो दोनों देशों के संबंध सुधरने की दिशा में बात आगे बढ़ सकती है।
चुनाव की तैयारी में जुटी गबार्ड
बता दें कि तुलसी गबार्ड ने साल 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए औपचारिक रूप से अपना अभियान शुरू कर दिया है। अमेरिकी संसद में हवाई का प्रतिनिधित्व करने वाली गबार्ड समेत कई लोग विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पाने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। इनमें भारतवंशी सीनेटर कमला हैरिस भी शामिल हैं। उनके अलावा सीनेटर एलिजाबेथ वारेन, सीनेटर कर्स्टन गिलिब्रांड और जूलियन कास्त्रो ने भी राष्ट्रपति पद की होड़ में शामिल होने का एलान किया है।
कौन हैं तुलसी गबार्ड
1-तुलसी गबार्ड 2013 से अमेरिका के हवाई राज्य से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में डेमोक्रेट सांसद हैं।
2-37 वर्षीय तुलसी हवाई राज्य से चार बार से डेमोक्रेट सांसद हैं, वे हर बार रिकॉर्ड वोटों से जीतती आईं हैं।
3-वे अमेरिकी संसद में जगह बनाने वाली पहली हिंदू हैं।
4-37 साल की तुलसी हिंदू हैं, लेकिन भारतीय मूल की नहीं।
5- राजनीति में आने से पहले तुलसी गबार्ड अमेरिकी सेना की ओर से 12 महीने के लिए इराक में तैनात रह चुकी हैं।