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बांग्लादेश में संप्रदायिक हिंसा पर तुलसी गबार्ड ने जताया दुख, सरकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने को कहा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार तुलसी गबार्ड ने बुधवार को बांग्लादेश में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर दुख व्यक्त किया और मंदिरों को नुकसान पहुंचाने के लिए जिहादियों की आलोचना की। साथ ही बांग्लादेश सरकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने का आग्रह किया।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 09:29 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 09:29 PM (IST)
बांग्लादेश में संप्रदायिक हिंसा पर तुलसी गबार्ड ने जताया दुख, सरकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने को कहा
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार तुलसी गबार्ड। (फोटो- एएनआइ)

वाशिंगटन, एएनआइ। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार तुलसी गबार्ड ने बुधवार को बांग्लादेश में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर दुख व्यक्त किया और मंदिरों को नुकसान पहुंचाने के लिए जिहादियों की आलोचना की। साथ ही बांग्लादेश सरकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने का आग्रह किया। गबार्ड ने ट्विटर पर कहा, 'बांग्लादेश में मंदिरों में भगवान के भक्तों के प्रति इस तरह की नफरत और हिंसा को देखकर मेरा दिल टूट गया। इन जिहादियों द्वारा मंदिरों और एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की मूर्ति को नुकसान पहुंचाना दिखाता है कि वे वास्तव में भगवान से कितने दूर हैं। भगवान प्रेम है और उनके सच्चे सेवक इस दुनिया में उस प्रेम को मूर्त रूप देते हैं।

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बता दें कि स्वामी प्रभुपाद ने इंटरनेशनल सोसाइटी फार कृष्णा कान्शियसनेस (ISKCON) की स्थापना की, जिसे आमतौर पर 'हरे कृष्ण मूवमेंट के रूप में जाना जाता है। पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है। देश भर के कई जिलों में हिंसा हुई है। गत बुधवार को दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हमले हुए थे और उसके बाद से ऐसी घटनाएं जारी हैं। रविवार को भीड़ ने हिंदुओं के 66 घरों को जला दिया था।

13 अक्टूबर को चांदपुर के हाजीगंज में पूजा स्थलों पर हमले के दौरान पुलिस की गोलीबारी में कम से कम चार लोग मारे गए और नोआखली के चौमुहानी में हिंदू मंदिरों पर हमले में 15 अक्टूबर को दो लोगों की मौत हो गई। देश के अलग-अलग हिस्सों में कम से कम 71 मामले दर्ज किए गए हैं। 450 लोगों को सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गबार्ड ने बांग्लादेश सरकार से देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को जिहादी ताकतों से बचाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश की कथित धर्मनिरपेक्ष सरकार के लिए समय आ गया है कि वह देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों हिंदू, ईसाई और बौद्ध को नफरत की जिहादी ताकतों से बचाएं।'


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