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ट्रंप ने इदलिब पर हमले को लेकर सीरिया, ईरान और रूस को चेताया, इससे मानव त्रासदी का खतरा

रूस को यह समझना होगा कि इदलिब में खून-खराबे से उसका खुद का सियासी लक्ष्य खतरे में पड़ सकता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 05:25 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 05:25 PM (IST)
ट्रंप ने इदलिब पर हमले को लेकर सीरिया, ईरान और रूस को चेताया, इससे मानव त्रासदी का खतरा
ट्रंप ने इदलिब पर हमले को लेकर सीरिया, ईरान और रूस को चेताया, इससे मानव त्रासदी का खतरा

वाशिंगटन, एएफपी/रायटर। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया में विद्रोहियों के अंतिम गढ़ इदलिब पर हमले को लेकर सीरिया, ईरान और रूस को चेताया है। उन्होंने कहा कि इस हमले से मानव त्रासदी का खतरा बढ़ सकता है। ट्रंप की इस चेतावनी को खारिज करते हुए रूस ने कहा कि सीरिया का यह क्षेत्र आतंकियों का अड्डा बन गया है।

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ट्रंप ने सोमवार को ट्वीट किया, 'सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को इदलिब प्रांत पर बेतहाशा हमले नहीं करने चाहिए। रूस और ईरान इस संभावित मानव त्रासदी में हिस्सा लेकर बहुत बड़ी मानवीय भूल करेंगे। हजारों लोग मारे जा सकते हैं। ऐसी घटना नहीं होने दें।'

संयुक्त राष्ट्र और कई सहायता समूह पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर इदलिब पर पूरी तरह हमला किया गया तो मानवीय तबाही इतनी ज्यादा हो सकती है जितनी सीरिया में सात साल से जारी लड़ाई में कभी देखने को नहीं मिली।

Donald J. Trump

President Bashar al-Assad of Syria must not recklessly attack Idlib Province. The Russians and Iranians would be making a grave humanitarian mistake to take part in this potential human tragedy. Hundreds of thousands of people could be killed. Don’t let that happen!

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The President's warning comes just days after Secretary of State Mike Pompeo issued a similar warning to Russia's foreign minister, Sergey Lavrov, saying an attack on Idlib was something that Syria and Russia "agreed not to permit," and that the US "sees this as an escalation of an already dangerous conflict."

Secretary Pompeo

Sergey Lavrov is defending Syrian and Russian assault on . The Russians and Assad agreed not to permit this. The U.S sees this as an escalation of an already dangerous conflict.

सीरियाई बल फिलहाल इस उत्तर-पश्चिमी प्रांत को चारों घेर से घेर रहे हैं। यह प्रांत कई विद्रोही और हिंसक लड़ाकों के कब्जे में है। इनमें से कई विद्रोही गुट आतंकी काली सूची में शामिल हैं।

रूस और ईरान इस बात पर अड़े हैं कि इदलिब में इन समूहों को परास्त करना जरूरी है। दोनों देश सीरिया में 2011 से छिड़े गृहयुद्ध में असद शासन को राजनीतिक, वित्तीय और सैन्य मदद मुहैया करा रहे हैं। इस युद्ध में अब तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं।

हवाई हमले में रूस की मदद अहम

इदलिब फतह करने में रूसी हवाई हमले की अहम भूमिका मानी जा रही है। ब्रसेल्स के थिंक टैंक इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप का कहना है कि इदलिब पर हमले को टाला जा सकता है। रूस को यह समझना होगा कि इदलिब में खून-खराबे से उसका खुद का सियासी लक्ष्य खतरे में पड़ सकता है। 


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