बराबर आयात शुल्क लगाने के ट्रंप से प्रयासों से भारत पर होगा असर
अपने वार्षिक संबोधन में उन्होंने कांग्रेस को बताया कि चीन के साथ वाशिंगटन की आक्रामक कारोबारी वार्ता के कारण अमेरिकी नौकरियों और संपदा की कथित चोरी रुक जाएगी।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नुकसानदायक कारोबारी नीतियों को दुरुस्त करने के लिए संकल्प व्यक्त करते हुए कांग्रेस सदस्यों से ज्यादा अधिकारों की मांग की है ताकि वह रेसीप्रोकल (बराबरी) शुल्क लगा सकें। अगर ऐसा होता है तो भारत जैसे देशों के द्विपक्षीय व्यापार पर असर पड़ सकता है।
अपने वार्षिक संबोधन में उन्होंने कांग्रेस को बताया कि चीन के साथ वाशिंगटन की आक्रामक कारोबारी वार्ता के कारण अमेरिकी नौकरियों और संपदा की कथित चोरी रुक जाएगी। हमने चीन को बता दिया है कि वर्षो तक हमारे उद्योगों को नुकसान पहुंचाने और बौद्धिक संपदा चुराने का ढर्रा खत्म होगा। अमेरिका की नौकरियों और संपदा की चोरी अब नहीं होगी। ट्रंप के अनुसार हाल में चीन की 250 अरब डॉलर की वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाया गया। इससे हमें हर महीने अरबों डॉलर की आय हो रही है। अभी तक कुछ भी नहीं मिलता था।
उन्होंने कहा कि उनकी सबसे प्रमुख प्राथमिकता नुकसानदायक कारोबारी नीतियों को बदलना है। उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से अनुरोध किया कि यूएस रेसीप्रोकल ट्रेड एक्ट पारित करें ताकि अगर कोई देश अमेरिकी वस्तुओं पर अनुचित शुल्क लागू करता है तो हम उसके बराबर शुल्क लगा सकें। अगर यह कानून प्रभावी होता है तो उन देशों पर असर पड़ेगा जिनकी वस्तुओं पर अमेरिका में कम दर से शुल्क लगता है। इस कानून के पारित होने से ट्रंप को गैर शुल्क प्रतिबंध लगाने की भी अनुमति मिल जाएगी।
ट्रंप आरोप लगाते रहे हैं कि कई देश अमेरिका में कम शुल्क की नीति का अनुचित फायदा उठा रहे हैं। ट्रंप ने पिछले साल हर्ले डेविडसन जैसी अमेरिकी मोटरसाइकिलों पर शुल्क बढ़ाए जाने की आलोचना की थी और इसे अनुचित बताकर बराबरी में शुल्क बढ़ाने की धमकी दी थी। इसके बाद शुल्क घटाकर 50 फीसद कर दिया गया।