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नस्‍लीय हिंसा पर सख्‍त हुए ट्रंप, 1807 के कठोर अधिनियम का दिखाया भय, जानें- क्‍या है ये एक्‍ट

अमेरिका में जारी नस्‍लीय हिंसा से निपटने के लिए राष्‍ट्रपति ट्रंप ने सेना के इस्‍तेमाल के संकेत दिए हैं। उन्‍होंने कहा कि वाशिंगटन की सुरक्षा के लिए भारी सैन्‍य बल तैयान किए जाएंग

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 07:49 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 11:24 AM (IST)
नस्‍लीय हिंसा पर सख्‍त हुए ट्रंप, 1807 के कठोर अधिनियम का दिखाया भय, जानें- क्‍या है ये एक्‍ट
नस्‍लीय हिंसा पर सख्‍त हुए ट्रंप, 1807 के कठोर अधिनियम का दिखाया भय, जानें- क्‍या है ये एक्‍ट

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में जारी नस्‍लीय हिंसा के बीच राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सेना के उपयोग के संकेत दिए है। उन्‍होंने कहा कि इस समस्‍या के जल्‍द समाधान के लिए देशभर में सेना की तैनाती के लिए वह 1807 कानून लागू कर रहे हैं। राष्‍ट्रपति ट्रंप ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि राजधानी वाशिंगटन की सुरक्षा के लिए मैं  एक निर्णायक कार्रवाई कर रहा हूं। उन्‍होंने कहा कि इस बर्बरता पूर्ण हमले को रोकने के लिए और देश की संपत्ति की रक्षा के लिए वाशिंगटन में हजारों सशस्‍त्र बलों के साथ सेना की तैनाती करेंगे।

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क्‍या है  1807 का अधिनियम

  • अमेरिका का यह अधिनियम अमेरिकी राष्‍ट्रपति को विशेष शक्तियां प्रदान करता है। 1807 के विद्रोह अधिनियम के तहत देश में विरोध प्रदर्शन के दौरान राष्‍ट्रपति अमेरिकी शहरों में सैन्‍य कार्रवाई की इजाजत दे सकता है। देश में सेना की तैनाती कर सकता है।
  • इस अधिनियम को थॉमस जेफरसन द्वारा कानून में हस्ताक्षरित किया गया था और आखिरी बार 1992 में रॉडनी किंग के दंगे के दौरान लागू किया गया था।
  • 1878 का पॉज़िट कॉमिटस एक्ट तय करता है कि संघीय सरकार अमेरिका की सीमाओं के भीतर एक सक्रिय पुलिस बल के रूप में सेना का उपयोग नहीं कर सकती है, लेकिन इस परिस्थिति में उसकी शक्ति विवादित है।
  • वाशिंगटन पोस्ट के हवाले से डैन लामोथे कहते हैं, राष्ट्रपति विशेष रूप से वाशिंगटन में सेना का उपयोग कर सकते हैं और पॉज़िट कॉमिटस एक्ट इसे नहीं रोकता है।

ट्रंप की सख्‍त चेतावनी, कानून तोड़ने की इजाजत नहीं 

उन्होंने कहा देश के राष्ट्रपति के रूप में मेरा पहला और सर्वोच्च कर्तव्य है इस महान देश की और अमेरिकी नागरिकों की रक्षा और संकट से उनका बचाव करना। मैंने अपने राष्ट्र के कानूनों को बनाए रखने की शपथ ली है और मैं वहीं करूंगा।  उन्होंने कहा कि हम हर किसी को चेतावनी दे रहे हैं। हम कोधित भीड़ को हिंसा करने की अनुमति नहीं दे सकते। ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने पर्याप्त संख्या में राष्ट्रीय रक्षक तैनात करने की दृढ़ता से सिफारिश की है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि कर्फ्यू को सख्ती से लागू किया जाएगा। ट्रंप ने कहा जो निर्दोष जीवन के लिए संकट हैं और संपत्ति नष्‍ट करेंगे उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन्‍हें हिरासत में लिया जाएगा। उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि महापौरों और राज्‍यों में राज्यपालों को कानून व्यवस्था स्थापित करनी चाहिए, जब तक कि हिंसा को समाप्त नहीं कर दिया जाए।  

देश में बिगड़े हालात, ट्रंप ने ली बंकर में शरण

सोमवार को प्रदर्शनकारियों के उग्र तेवर को देखते हुए राष्‍ट्रपति ट्रंप परिवार समेत लगभग एक घंटे तक व्‍हाइट हाउस के बंकर में रहे। प्रदर्शनकारियों द्वारा की जा रही हिंसा और तोड़फोड़ को देखते हुए राजधानी वाशिंगटन डीसी समेत देश के 40 से अधिक शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है। वर्जीनिया और कैलिफोर्निया में सोमवार तक सभी सरकारी इमारतों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए 15 शहरों में पांच हजार नेशनल गार्ड के जवान तैनात हैं। दो हजार अतिरिक्त जवानों को अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। हिंसा फैलाने के आरोप में देश भर में चार हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार लिया गया है। देश भर में हिंसक घटनाओं में अब तक पांच लोगों की जान जा चुकी है और दर्जनों सुरक्षा अधिकारी घायल हो चुके हैं।


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