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ट्रंप ने कहा- चीन के साथ व्यापार समझौते पर 2020 के अंत करना पड़ सकता है इंतजार

यदि उइगरों पर आए बिल को कानून बनने से नहीं रोका गया तो पहले चरण का व्यापार समझौता खटाई में पड़ सकता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 11:25 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 11:25 PM (IST)
ट्रंप ने कहा- चीन के साथ व्यापार समझौते पर 2020 के अंत करना पड़ सकता है इंतजार
ट्रंप ने कहा- चीन के साथ व्यापार समझौते पर 2020 के अंत करना पड़ सकता है इंतजार

वाशिंगटन, रायटर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चीन के साथ व्यापार समझौते के लिए 2020 के अंत इंतजार करना पड़ सकता है। उनकी इस टिप्पणी के बाद एक बार फिर इस बात को लेकर संदेह पैदा हो गया है कि आखिर दोनों देशों के बीच विवाद का अंत कब होगा।

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नाटो राष्ट्राध्यक्षों की बैठक

नाटो राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में भाग लेने लंदन गए ट्रंप ने कहा, 'कुछ मायनों में मुझे लगता है कि चीन के साथ व्यापार समझौते पर अगले साल होने वाले चुनाव के बाद तक इंतजार कर लेना चाहिए। वे अभी समझौता करना चाहते हैं, ऐसे में हम देखेंगे कि समझौता सही हो रहा है या नहीं।' उनके इस बयान के बाद शेयरों में तेज गिरावट देखी गई।

चीनी सामानों पर आयात शुल्क 15 दिसंबर से प्रभावी

अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विलबर रोस ने सीएनबीसी को बताया कि व्यापार समझौते पर शुरुआती बातचीत चल रही है, लेकिन उच्चस्तरीय वार्ता को लेकर कोई तिथि निर्धारित नहीं की गई है। अगर बातचीत और समझौते पर कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं होती है तो शेष चीनी सामानों पर आयात शुल्क 15 दिसंबर से प्रभावी हो जायेगा।

उइगर बिल को कानून बनने से नहीं रोका गया तो व्यापार समझौता खटाई में पड़ सकता

उधर, व्यापार वार्ता पर चीन सरकार के रुख से परिचित एक व्यक्ति ने बताया कि यदि उइगरों पर आए बिल को कानून बनने से नहीं रोका गया तो पहले चरण का व्यापार समझौता खटाई में पड़ सकता है।

'क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स' जारी, सबसे प्रदूषित देशों में भारत पांचवें स्थान पर

पर्यावरण में बदलाव के दुष्प्रभावों पर चर्चा के बीच प्रभावित देशों की सूची सामने आई है। प्रभावित देशों में अमीर और गरीब, दोनों तरह के देशों पर पर्यावरण का बदलाव असर डाल रहा है। भारत इस वैश्विक सूची में पांचवें स्थान पर है। क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2020 नाम की यह वार्षिक रिपोर्ट जर्मनवाच ने तैयार की है। रिपोर्ट को स्पेन की राजधानी मैड्रिड में हो रहे करीब 200 देशों के अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन से इतर कार्यक्रम में पेश किया गया। यह कार्यक्रम पर्यावरण सुधार के लिए रूपरेखा बनाने को गठित संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के संगठन ने आयोजित किया था।


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