चीन के खिलाफ ट्रंप का एक और फैसला, नए बिल पर किया हस्ताक्षर
कोरोना वायरस से त्रस्त अमेरिका समेत पूरी दुनिया चीन के खिलाफ मोर्चा खोल बैठी है। इसे दंडित करने के मूड में ट्रंप एक के बाद एक फैसले ले रहे हैं।
वाशिंगटन, एपी। नॉवेल कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में फैली महामारी कोविड-19 को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बिल पर हस्ताक्षर किया है। इसमें उइगर व अन्य अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर चीन को दंडित करने की मांग की गई है। पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में उइगर व अन्य जातीय समूहों की व्यापक निगरानी और हिरासत में लेने वाले चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध शामिल है।
चीन के उइगर (Uighur) मुसलमानों पर उत्पीड़न के मामले में अमेरिका ने सख्त रुख अपनाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने इस संबंध में एक बिल पर हस्ताक्षर किए हैं, उनकी मंजूरी के साथ ही यह बिल अब कानून बन गया। इस बिल में उइगर मुसलमानों के दमन के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध की बात कही गई है।
चीन के अशांत मुस्लिम बहुल शिनजियांग क्षेत्र में उइगर समुदाय के मानवाधिकार का चीन द्वारा उल्लंघन की आलोचना करने वाले बिल पर राष्ट्रपति ट्रंप के हस्ताक्षर ने इसे कानून का रूप दे दिया। अब इससे चीन के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ट्रंप ने कहा कि उइगर मानवाधिकार नीति कानून, 2020 से मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों को जवाबदेह ठहराया जा सकता है। इन मानवाधिकार उल्लंघनों में चीन में उइगरों और अन्य अल्पसंख्यकों का जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले शिविर, जबरन मजदूरी और जातीय एवं धार्मिक पहचान मिटाने की कोशिश करना शामिल है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने बीजिंग में इस कानून की आलोचना की और इसे शिनजियांग क्षेत्र में चीन की नीति पर हमला बताया। मंत्रालय ने कहा, 'चीन इसपर पलटवार करेगा और अमेरिका को इसका परिणाम भुगतना होगा।' शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर कार्रवाई में शामिल वरिष्ठ चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने वाले इस विधेयक को कांग्रेस में रिपब्लिकन तथा डेमोक्रेट की ओर से भरपूर समर्थन मिला। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने उइगर मानवाधिकार नीति कानून पर हस्ताक्षर करने के लिए ट्रंप का शुक्रिया अदा किया है।