अमेरिका-इराक की दोस्ती में बाधा नहीं ईरान, US और बगदाद के बीच बढ़ेगी सैन्य साझेदारी
व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह इराक में अपनी सैन्य भूमिका को सीमित नहीं करेगा। ट्रंप और इराक में उनके समकक्ष ने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदार को आगे बढ़ाएंगे।
वाशिंगटन, एजेंसी । ईरान-अमेरिका तनाव के बीच व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह इराक में अपनी सैन्य भूमिका को सीमित नहीं करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इराक में उनके समकक्ष ने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदारी को आगे और मजबूती से बढ़ाएंगे। बगदाद में एक शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद स्विट्जरलैंड के दावोस में दोनों राष्ट्रपतियों ने अपनी पहली बैठक की।
दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब सुलेमानी की हत्या के बाद यह मांग उठने लगी थी कि अमेरिकी सैनिकों को इराक से हटाया जाए। दावोस में दोनों नेताओं ने इस चर्चा पर विराम लगाते हुए कहा है कि दोनों देश साझा सैन्य सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे यह साफ हो गया कि सुलेमानी की हत्या का दोनों देशों के बीच कोई असर नहीं पड़ेगा।
संप्रभु, स्थिर और समृद्ध इराक : व्हाइट हाउस
इस बैठक में राष्ट्रपति ट्रंप ने एक संप्रभु, स्थिर और समृद्ध इराक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की अटूट प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया। व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका और इराक आर्थिक और सुरक्षा साझेदारी को जारी रखने के महत्व पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई शामिल है।
ड्रोन हमले के बाद अमेरिका विरोधी रुख
बता दें कि इराक में अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद राष्ट्रपति सालेह के कार्यालय ने सैन्य बलों की वापसी पर चर्चा की थी। इराकी राष्ट्रपति ने कहा था कि अमेरिकी सेना की मौजुदगी उनकी संप्रभुता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश को इराक में हुक्म नहीं चलाना चाहिए। इराक की संसद ने सभी विदेशी सैनिकों को बाहर करने के लिए पांच जनवरी को मतदान किया था। इसके जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वह इराक में नहीं रहना चाहते।
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