Move to Jagran APP

ट्रंप प्रशासन ने दी पाकिस्तान के लिए सैन्य प्रशिक्षण बहाल करने को मंजूरी

इस्लामाबाद और मास्को के बीच पाकिस्तानी सैनिकों को रूस के रक्षा केंद्रों में प्रशिक्षण की अनुमति के लिए हुए समझौते के बाद ट्रंप प्रशासन ने यह कदम उठाया था।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 03:02 AM (IST)
ट्रंप प्रशासन ने दी पाकिस्तान के लिए सैन्य प्रशिक्षण बहाल करने को मंजूरी
ट्रंप प्रशासन ने दी पाकिस्तान के लिए सैन्य प्रशिक्षण बहाल करने को मंजूरी

वाशिंगटन, प्रेट्र। ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तानी सैनिकों के लिए अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम को बहाल करने की मंजूरी दे दी है। एक अमेरिकी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

loksabha election banner

पाक सैनिकों के लिए अपने प्रशिक्षण 2018 में निलंबित कर दिया था

ट्रंप प्रशासन ने अगस्त 2018 में इसे निलंबित कर दिया था। दस साल से ज्यादा समय तक अंतरराष्ट्रीय सैन्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण के तहत पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों को अमेरिकी संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जाता रहा।

पाकिस्तानी सैनिकों को रूस के रक्षा केंद्रों में प्रशिक्षण की अनुमति

इस्लामाबाद और मास्को के बीच पाकिस्तानी सैनिकों को रूस के रक्षा केंद्रों में प्रशिक्षण की अनुमति के लिए हुए समझौते के बाद ट्रंप प्रशासन ने यह कदम उठाया था। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय सैन्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम को बहाल करने की मंजूरी दे दी है।

धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन

अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के आरोपों के चलते चीन और पाकिस्तान को निगरानी सूची में बनाए रखा है। अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता को बाधित करने वाली गंभीर शिकायतों के आधार पर यह सूची बनाई है। ट्रंप प्रशासन की विदेश नीति में धार्मिक स्वतंत्रता के पालन का विशेष स्थान है।

नौ देशों की निगरानी सूची में चीन, पाक, सऊदी अरब भी शामिल

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की 18 दिसंबर को जारी ताजा सूची में चीन और पाकिस्तान के साथ ही म्यांमार, इरीट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान का नाम है। विदेश मंत्रालय ने इन देशों में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता जताई है। इन सभी देशों में धार्मिक गतिविधियों का संस्थागत रूप से दमन जारी है।

पाक, चीन में धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा की निगरानी जारी रहेगी

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा की अमेरिकी वचनबद्धता के चलते इन देशों की निगरानी जारी रहेगी। अमेरिका का मानना है कि हर व्यक्ति को हर देश में अपनी मान्यताओं के साथ जीवन व्यतीत करने की स्थितियां हासिल हों। जो सरकारी और गैर-सरकारी संगठन इन स्थितियों के खिलाफ कार्य करेंगे, अमेरिका उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए अग्रसर रहेगा।

पाकिस्तान ने नहीं दी अमेरिकी विदेश मंत्री को तवज्जो

इसी साल जून में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने पाकिस्तान सरकार से उन 40 लोगों को रिहा करने की अपील की थी, जो ईशनिंदा के आरोपों के चलते वहां की जेलों में बंद हैं, लेकिन पाकिस्तान ने उनके अनुरोध को खास तवज्जो नहीं दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.