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शीर्ष अमेरिकी आतंकवाद निरोधक ने कहा- भारतीय उपमहाद्वीप में कमजोर पड़ा आतंकी संगठन अलकायदा

अमेरिका के नेशनल काउंटर टेरोरिज्म सेंटर के निदेशक क्रिस्टोफर मिलर ने सीनेट कमेटी से कहा दक्षिण एशिया में भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआइएस) ने अपने सरगना आसिम उमर की मौत के बाद एकजुट होने के लिए संघर्ष किया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 07:33 AM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 07:33 AM (IST)
शीर्ष अमेरिकी आतंकवाद निरोधक ने कहा- भारतीय उपमहाद्वीप में कमजोर पड़ा आतंकी संगठन अलकायदा
'दक्षिण एशिया में भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआइएस)।

वाशिंगटन, प्रेट्र। भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआइएस) केवल छोटे क्षेत्रीय हमले करने लायक रह गया है। यह आतंकी संगठन दुनिया भर में प्रतिबंधित है। एक शीर्ष अमेरिकी आतंकवाद निरोधक अधिकारी ने गुरुवार को सीनेट की एक समिति को यह जानकारी दी। अलकायदा सरगना अल-जवाहिरी ने 2014 में एक्यूआइएस का गठन किया था। अलकायदा सरगना का मकसद क्षेत्र में अपने आतंकी गिरोह के प्रभाव का विस्तार करना था।

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नेशनल काउंटर टेरोरिज्म सेंटर के निदेशक क्रिस्टोफर मिलर ने सीनेट कमेटी से कहा, 'दक्षिण एशिया में भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआइएस) ने अपने सरगना आसिम उमर की मौत के बाद एकजुट होने के लिए संघर्ष किया है। सितंबर 2019 में अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के हमले में आसिम मारा गया था। अब यह संगठन केवल छोटे क्षेत्रीय हमले के लायक रह गया है।''देश को खतरा' पर सीनेट की गृह सुरक्षा और सरकारी मामलों की समिति के सामने अमेरिकी आतंकवाद निरोधक अधिकारी ने कहा कि मध्य मार्च में एक्यूआइएस ने नवाई अफगान जिहाद के विशेष अंक का प्रकाशन किया। इसमें अमेरिका तालिबान समझौते की सराहना की गई है।

पाक-चीन के बीच बीआरआइ प्रोजेक्ट अवैध घोषित किया जाए

गुलाम कश्मीर (पीओके) के एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने संयुक्त राष्ट्र से चीन और पाकिस्तान के बीच बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट (बीआरआइ) को अवैध घोषित करने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र में डा.अमजद अयूब रजा ने कहा कि पाकिस्तान गिलगिट-बाल्टिस्तान को अपना पांचवां सूबा बनाना चाहता है। उन्होंने कहा 31 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान ने ब्रिटिश अफसरों से मिलीभगत कर गिलगिट एजेंसी पर कब्जा कर लिया था। जम्मू-कश्मीर और गिलगिट एजेंसी पर हमला कर पाकिस्तान ने युद्ध अपराध किया था। बीआरआइ की गतिविधियां बढ़ने से मौजूदा समय में गिलगित में हम चीन और पाक के दोहरे उपनिवेश का सामना कर रहे हैं। आज इस क्षेत्र के सौ से अधिक मानवाधिकार कार्यकर्ता जेल में सड़ रहे हैं।


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