यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिलाएं टाइम 'पर्सन ऑफ द ईयर'
पत्रिका ने बुधवार को 'टुडे' कार्यक्रम के दौरान 'पर्सन ऑफ द ईयर 2017' की घोषणा की।
वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिका की प्रतिष्ठित 'टाइम' पत्रिका ने साल 2017 के लिए 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर' की घोषणा की है। इस बार टाइम पर्सन ऑफ द ईयर कोई एक शख्स नहीं, बल्कि यौन शोषण और हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली सभी महिलाओं के हिस्से में यह सम्मान आया है। पत्रिका ने 'मी टू' अभियान में हिस्सा लेने वालीं 'साइलेंस ब्रेकर्स' को पर्सन ऑफ द ईयर घोषित किया है। इसमें ऐसी महिलाएं शामिल हैं, जिन्होंने यौन हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई। सूची में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दूसरा और उनके चीनी समकक्ष को शी चिनफिंग को तीसरा स्थान मिला है।
पत्रिका ने बुधवार को 'टुडे' कार्यक्रम के दौरान 'पर्सन ऑफ द ईयर 2017' की घोषणा की। यौन हिंसा के खिलाफ सामने आने के अभियान के तहत हॉलीवुड दिग्गज हार्वे विंस्टीन के पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगा था। इसके बाद सैकड़ों महिलाओं और कुछ पुरुषों ने अपने उत्पीड़न के बारे में बात की। दुनिया भर में 'मी टू' हैशटैग पर महिलाओं ने अपने साथ यौन उत्पीड़न के बारे में बताया।
कई बड़े पत्रकारों, राजनेताओं और उद्योगपतियों पर भी संगीन आरोप लगे। इनमें केविन स्पेसी, कामेडियन लुईस सीके और पूर्व एनबीसी एंकर मैट लुयर भी शामिल हैं। 'मी टू' अभियान में विभिन्न देश, धर्म, जाति और समुदाय की महिलाओं ने हिस्सा लिया।
टाइम का कहना है, लग सकता है कि यह अहसास रातों रात पैदा हुआ, लेकिन यह मुद्दा वर्षों, दशकों और सदियों से सुलग रहा है। महिलाएं अपने ऐसे बॉस या सहकर्मियों के हाथों उत्पीड़न का शिकार हुईं, जिन्होंने न सिर्फ सीमा-रेखा लांघी, बल्कि शायद वे यह जानना ही नहीं चाहते थे कि कोई सीमा-रेखा है भी। पीडि़त महिलाएं उस समय शायद इसलिए चुप रहीं क्योंकि उन्हें दुष्परिणाम भुगतने, खारिज होने और नौकरी से निकाले जाने का डर था।
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