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तालिबानी नेता मुल्ला बरादर को TIME मैगजीन में मिली जगह, 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल

TIME Magazine 2021 टाइम मैगजीन की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को शामिल किया गया है। शांति समझौते के दौरान अमेरिका के साथ बातचीत में मुल्ला बरादर ने तालिबान का नेतृत्व किया था।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 11:05 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 11:05 AM (IST)
तालिबानी नेता मुल्ला बरादर को TIME मैगजीन में मिली जगह, 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल
इस लिस्ट में पीएम मोदी, शी चिनफिंग, जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं।

वाशिंगटन, एएनआइ। टाइम मैगजीन 2021 (TIME magazine 2021) ने दुनिया के 100 सबसे अधिक प्रभावशाली लोगों की सूची जारी की है। इसमें एक ऐसा नाम भी शामिल है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। तालिबान की नई सरकार में उप प्रधानमंत्री और दोहा वार्ता के शीर्ष व्यक्ति मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ( Mullah Abdul Ghani Baradar) को टाइम मैगजीन की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया गया है। शांति समझौते के दौरान अमेरिका के साथ बातचीत में मुल्ला बरादर ने तालिबान का नेतृत्व किया था।

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टाइम पत्रिका द्वारा जारी सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के आदर पूनावाला शामिल हैं। इसके अलावा इस वैश्विक सूची में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, प्रिंस हैरी और मेगन, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं।

फरवरी 2020 में जब अफगान सुलह के लिए अमेरिकी विशेष प्रतिनिधि जल्मय खलीलजाद ने आधिकारिक तौर पर दोहा में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए तो बरादर तालिबान का प्रमुख चेहरा था। टाइम पत्रिका ने बरादर का परिचय देते हुए उन्हें ऐसा शांत, रहस्यमय व्यक्ति बताया है, जो शायद ही कभी सार्वजनिक बयान या साक्षात्कार देते हों। इसमें कहा गया है कि पूर्व शासन के सदस्यों को माफी देना, तालिबान के काबुल में प्रवेश करने पर रक्तपात न करना और पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के साथ संपर्क और यात्राओं सहित सभी प्रमुख निर्णय मुल्ला बरादर ने ही लिए।

2010 में बरादर को देश के सुरक्षा बलों द्वारा पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था और 2018 में रिहा किया गया था, जब अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ने के प्रयास तेज कर दिए थे। हालांकि, तालिबान के सह-संस्थापक होने और अमेरिका के साथ बातचीत में शीर्ष भूमिका निभाने के बावजूद, यह माना जाता है कि कार्यवाहक सरकार में बरादर को अपेक्षाकृत कम स्थान दिया गया है।


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