लोगों की शरीर में घुस कर बीमारी से लड़ेगा नया रोबोट, उसके लिए होगी ये शर्त
वैज्ञानिकों ने ऐसे नन्हे रोबोट बनाए हैं जो मानव शरीर के गहरे हिस्सों में पहुंच कर बीमारियों को पहचानने और उनके उपचार के लिए सहायक होंगे।
वाशिंगटन, जेएनएन। वैज्ञानिकों ने एक नया रोबोट बनाया है। यह रोबोट बीमारी से लड़ेगा लेकिन शर्त यह है कि उसे आपको निगलना होगा। जी हां, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया में इलेक्ट्रॉनिक्स और सिस्टम इंजीनियरिंग के प्रोफेसर मार्क मिस्कन ने ऐसे माइक्रो रोबोट बनाए हैं जो और भी कई चौंकाने वाले काम कर सकते हैं। इस बारे में न्यूयार्क टाइम्स न्यूज सर्विस ने जानकारी दी है।
वैज्ञानिकों ने ऐसे नन्हे रोबोट बनाए हैं जो मानव शरीर के गहरे हिस्सों में पहुंच कर बीमारियों को पहचानने और उनके उपचार के लिए सहायक होंगे। नए रोबोट के पास कंप्यूटर चिप्स की तरह बेसिक तकनीकी का फायदा है। ये रोबोट धूल के एक गोले के आकार की तरह होते हैं। यह आइडिया नया नहीं है। बर्कले की कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता क्रिश पिस्टर जैसे शोधकर्ताओं ने दशकों पहले 'स्मार्ट डस्ट' की बात की है।
यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया और हॉंग कॉंग की चीनी विश्वविद्यालय के रिसर्चरों ने ऐसे बेहद छोटे रोबोट्स का झुंड तैयार किया है जो चुंबकीय कणों की मदद से शरीर के अंदर घुसकर बीमारियों को पहचानने में मदद करेंगे। ये न सिर्फ बीमारी का पता लगाएंगे बल्कि उन बीमारियों के उपचार में भी मदद करेंगे जिसके लिए शरीर की कुछ खास कोशिकाओं में दवा पहुंचानी होती है।
इस तरह बनाए गए हैं ये रोबोट
बर्कले की कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता क्रिश पिस्टर जैसे शोधकर्ताओं ने दशकों से 'स्मार्ट डस्ट' के बारे में बात की है। शोध वैज्ञानिकों ने इन रोबोट्स को पानी में पाए जाने वाली काई (शैवाल) के जीवों से बनाया है। वैज्ञानिकों ने इन नन्हे रोबाट्स पर शैवाल के सूक्ष्म जीवों की परत चढ़ाई जिसमें कुछ चुंबकीय कणों को मिलाया गया।
ये रोबोट शरीर के अंदर मौजूद ढके हुए टिशूज के भीतर जाकर भी ट्रैक किए जा सकते हैं। शैवाल के जीवों की प्राकृतिक चमक इन रोबोट्स को ट्रैक होने में मदद करती है। इसकी मदद से शरीर के उन टिशूज तक भी पहुंचा जा सकता है जो आम तौर पर एमआरआइ (MRI) की मदद से भी पकड़ में नहीं आते हैं।
इस तरह पहचान लेते हैं बीमारी
इन रोबोट्स की खास बात ये है शरीर के भीतर बीमारी के कारण होने वाले रासायनिक बदलावों को पहचान लेते हैं। इसके चलते इनकी मदद से खतरनाक रोगों की पहचान हो सकती है।
उपचार में भी आ सकते हैं काम
वैज्ञानिकों का मनना है कि ये नन्हे चुंबकीय रोबोट शरीर के किसी भी हिस्से में जाकर दवा को पहुंचाने सक्षम हैं। यह कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में काफी मददगार साबित हो सकते हैं क्योंकि ये स्वस्थ कोशिकाओं को बिना हानि पहुंचाए सीधे कैंसर सेल को अटैक करते हैं।
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