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अमेरिकी कांग्रेस में कश्मीर मुद्दे पर सुनंदा वशिष्ठ का ठोस जवाब, कश्मीर के बिना कोई भारत नहीं

वाशिंगटन में कश्मीर मुद्दे पर चल रही अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई में भारत की वरिष्ठ स्तंभकार सुनंदा वशिष्ठ ने भारत की कश्मीर नीति पर अपनी बात रखी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 09:31 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 10:31 AM (IST)
अमेरिकी कांग्रेस में कश्मीर मुद्दे पर सुनंदा वशिष्ठ का ठोस जवाब, कश्मीर के बिना कोई भारत नहीं
अमेरिकी कांग्रेस में कश्मीर मुद्दे पर सुनंदा वशिष्ठ का ठोस जवाब, कश्मीर के बिना कोई भारत नहीं

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिकी कांग्रेस में कश्मीर मुद्दे पर चल रही सुनवाई में भारत की वरिष्ठ स्तंभकार सुनंदा वशिष्ठ ने करारा जवाब दिया है। कश्मीर पर अपने भाषण में उन्होंने भारत की कश्मीर नीति को खोलकर रख दिया और कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने साफ किया कि कश्मीर के बिना भारत की कोई कल्पना नहीं की जा सकती। 

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कश्मीर को लेकर स्तंभकार सुनंदा वशिष्ठ ने कहा है कि कश्मीर से 370 हटाने के फैसले से भारत को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि इससे कश्मीर में मानवाधिकारों की समस्या को हमेशा के लिए हल करने में मदद मिलेगी।

वशिष्ठ ने कांग्रेस की सुनवाई में कहा कि भारत की लोकतांत्रिक साख बेमिसाल है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में देश ने सफलतापूर्वक पंजाब और पूर्वोत्तर में विद्रोहियों को खत्म किया है। यह भारत को और अधिक मजबूत करने का समय है।

वशिष्ठ ने कहा कि हम कश्मीर में इस्लामिक आतंकवाद से निपट रहे हैं। वशिष्ठ ने आगे कहा कि हमें इस तथ्य का संज्ञान लेना चाहिए। कश्मीर में सभी मौतें पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों के हाथों हो रही है। जिससे कश्मीर में भारत को नुकसान हो रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस्लामी आतंकवाद और कट्टरपंथियों के खिलाफ जंग में भारत की मदद करनी है, जिससे वहां मानवाधिकार की स्थिति बेहतर हो सके। उन्होंने साथ ही कहा कि कश्मीर में जनमत संग्रह कभी नहीं होने वाला है।वशिष्ठ ने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि एक जनमत संग्रह में पूरे समुदाय को निर्णय लेने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता होती है, लेकिन इस मामले में कश्मीर का एक हिस्सा भारत में है दूसरा पाकिस्तान में, इसका एक हिस्सा चीन के पास भी है।

अपने भाषण को खत्म करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने कश्मीर पर कब्जा नहीं किया है, वह हमेशा से भारत का अभिन्न अंग था। उन्होंने कहा, 'भारत सिर्फ 70 साल पुरानी पहचान नहीं है, बल्कि 5000 साल पुरानी सभ्यता है। कश्मीर के बिना भारत नहीं है और भारत के बिना कोई भी कश्मीर नहीं है।'


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