नाखून में फिट होने वाला उपकरण पराबैंगनी किरणों पर रखेगा नजर
वैज्ञानिकों के मुताबिक, कैंसर के खतरे को कम करने की दिशा में अहम कदम
लास एंजिलिस (प्रेट्र)। वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे छोटा पहनने योग्य उपकरण तैयार करने में सफलता हासिल की है, जो आपकी अंगुली के नाखून में फिट हो सकता है और सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों के प्रभाव का सटीक आकलन कर सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये एक बड़ी खोज की दिशा में शुरुआती चरण है, जिसमें उन्होंने सफलता हासिल कर ली है।
दरअसल, उनका व्यापक लक्ष्य एक ऐसा तकनीकी यंत्र तैयार करना है, जो लोगों को सूर्य के प्रभाव को व्यक्तिगत स्तर पर व्यवस्थित कर कैंसर का खतरा कम करने का मौका देकर जिंदगी बचा सके। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह उपकरण बारिश की बूंद जितना हल्का है। इसकी एक और खासियत यह है कि इसे सौर ऊर्जा से चलाया जाता है। इसके अलावा इसमें दुनिया की सबसे उन्नत और सटीक पराबैंगनी मापन प्रणाली लगाई गई है।
अमेरिका में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के जॉन ए रोजर्स के मुताबिक, यह मात्रात्मक तरीके से सूर्य की किरणों के प्रभाव को मापने के लिए लोगों को सबसे सहज और सटीक जानकारी उपलब्ध कराता है। इस उपकरण में कोई गतिमान हिस्सा व बैटरी नहीं है और यह वाटरप्रूफ है। इसे शरीर या कपड़े के लगभग किसी भी हिस्से पर लगाया जा सकता है, जहां से यह विशिष्ट संचयी विधि के जरिए लगातार पराबैंगनी किरणों के प्रभाव की गणना करता रहता है।
बकौल रोजर्स, इस उपकरण का काम सिर्फ पराबैंगनी किरणों पता लगाना नहीं, बल्कि मनुष्य के शरीर का तापमान भी बताना है। यह उसे नियमित रूप से रिकॉर्ड करता है। शरीर के स्वास्थ्य की स्थिति बताने में शरीर के तापमान की अहम भूमिका होती है। इस लिहाज से यह उपकरण इसे पहनने वाले को कई तरह की जरूरी जानकारियां उपलब्ध कराता है।
नाम रखा यूवी सेंस
लॉस वेगास में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो (सीईएस) में यूवी सेंस नाम के इस उपकरण को पेश किया गया है। लॉस वेगास के एक्सपो में वाटर रोबोट भी प्रदर्शित किया गया। 130 फुट गहराई तक जाने वाला यह रोबोट पूल का निरीक्षण और समुद्र का अवलोकन करता है।
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