रूस, चीन और उत्तर कोरिया पर साइबर प्रतिबंधों की गाज, यूरोपीय संघ के इस फैसले का US में स्वागत
खास बात यह है कि यूरोपीय परिषद के घोषणा के बाद रूस चीन और उत्तर कोरिया के छह व्यक्तिओं और तीन संस्थाओं के खिलाफ पहली बार प्रतिबंध लगाया है।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका ने यूरोपीय संघ के साइबर प्रतिबंध के नियमों का स्वागत किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल की इस घोषणा का स्वागत किया है। खास बात यह है कि यूरोपीय परिषद के घोषणा के बाद रूस, चीन और उत्तर कोरिया के छह व्यक्तिओं और तीन संस्थाओं के खिलाफ पहली बार प्रतिबंध लगाया है।
माइक पोम्पिओ ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ परस्पर विश्वनीय और साइबर स्पेस के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर जिम्मेदार व्यवहार के लिए एक दृष्टिकोण साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका साइबर गतिविधियों को बढ़ावा देने के खिलाफ यूरोपीय संघ के इस कदम का समर्थन करता है। वह यूरोपीय संघ प्रयासों का समर्थन करता है। यूरोपीय संघ की इन देशों पर की गई कार्रवाई मील का पत्थर साबित होगी। पोम्पिओ ने कहा कि हम यूरोपीय संघ के साथ काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यूरोपीय संघ के कई देशों के साथ समान विचारधारा है।
ईयू ने साइबर हमलों पर पहली बार प्रतिबंध लगाते हुए उन्हें कथित रूसी सैन्य एजेंटों, चीनी साइबर जासूसों और उत्तर कोरिया की एक कंपनी समेत कुछ अन्य संगठनों पर लागू किया है। जिन छह लोगों और तीन समूहों पर ये प्रतिबंध लगाए गए हैं उनमें रूस की जीआरयू सैन्य खुफिया एजेंसी भी शामिल है। ईयू विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने बृहस्पतिवार को कहा था कि ये प्रतिबंध व्यक्तियों के संबंध में यात्रा पर और संपत्तियों के लेन-देन पर रोक है तथा कंपनियों एवं निकायों की संपत्ति के हस्तांतरण पर रोक है। इसके साथ ही सूचीबद्ध व्यक्तियों और कंपनियों एवं निकायों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर निधि उपलब्ध कराना भी प्रतिबंधित किया गया है।