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अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के बीच, नस्‍लीय प्रदर्शन ने पकड़ा जोर, एक व्‍यक्ति एक मत का दिया नारा

अमेरिका के विस्कॉन्सिन में एक अदालत के बाहर शनिवार को एक व्‍यक्ति एक मत न्‍याय बिना शांति नहीं के नारे के साथ सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 01:57 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 01:57 PM (IST)
अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के बीच, नस्‍लीय प्रदर्शन ने पकड़ा जोर, एक व्‍यक्ति एक मत का दिया नारा
अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के बीच, नस्‍लीय प्रदर्शन ने पकड़ा जोर, एक व्‍यक्ति एक मत का दिया नारा

केनोशा, एजेंसी। अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव प्रचार के बीच एक बार फ‍िर से अश्‍वेत मामला जोर पकड़ रहा है। अमेरिका के विस्कॉन्सिन में एक अदालत के बाहर शनिवार को 'एक व्‍यक्ति एक मत,' 'न्‍याय बिना शांति' नहीं के नारे के साथ सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी केनोशा स्थित अदालत परिसर की ओर बढ़ते हुए 'सात गोली, सात दिन' का नारा भी लगा रहे थे। बता दें कि पुलिस के एक अधिकारी ने एक सप्ताह पहले जैकब ब्लेक नामक अश्वेत व्यक्ति को पुलिस द्वारा सात गोलियां मारी गई थीं। इस घटना में जैकब अपंग हो गया था। 

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ब्‍लेक सीनियर ने व्‍यवस्‍था उठाए सवाल 

प्रदर्शनकारियों में शामिल ब्‍लेक के पिता ब्‍लेक सीनियर ने व्‍यवस्‍था पर सवाल उठाया है। उन्‍होंने कहा कि यह पुलिस की बर्बरता और नस्‍लीय भेदभाव को बढ़ावा देता है। इस क्रम में उन्‍होंने व्‍यवस्‍था में बदलाव का आह्वान किया। उन्‍होंने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि उनके पुत्र को दर्द निवारक दवाइंयां दी जा रही है। वह होश में है। वह बहुत दर्द में है। इस घटना को लेकर एक बार फ‍िर अश्‍वेत लोगों में जबरदस्‍त आक्रोश व्‍याप्‍त है। 

डोनाल्ड ट्रंप से जब संवाददाताओं ने पूछा सवाल 

अमेरिका के कई राज्‍यों में आए चक्रवात से हुई तबाही का जायजा लेने के लिए शनिवार को टेक्सास पहुंचे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जब संवाददाताओं ने सवाल पूछा कि क्या वह केनोशा भी जाएंगे तो उन्होंने कहा कि संभव है। हालांकि इस संबंध में उन्‍होंने विस्तार से कुछ भी कहने से इन्‍कार कर दिया। लेकिन इतना तय है कि राष्‍ट्रपित चुनाव के दौरान यह मामला गहरा सकता है। वैसे भी डेमोक्रेटिक उम्‍मीदवार जो बिडेन और उप राष्‍ट्रपति की प्रत्‍याशी ने इसको एक बड़ा मुद्दा बना रखा है। ऐसे में यह मामला राष्‍ट्रपति ट्रंप को मुश्किलों में डाल सकता है।

आखिर कौन है जैकब ब्‍लेक 

जैकब ब्‍लेक का जन्‍म शिकागो के बाहर एक शहर इवेन्‍सटन में हुआ था। इसके बाद पूरा परिवार केनोशा आ गया। जैकब का पूरा परिवार सोशल वर्क से जुड़ा हुआ है। उनके दादा चर्च में पादरी हुआ करते थे। साथ ही वह सिविल राइट्स मूवमेंड का भी हिस्‍सा रहे। इस दौरान वे लगातार वह नस्‍लीय आंदोलन का विरोध करते रहे हैं। खुद जैकब कई तरह की सोशल सर्विस से जुड़े हुए हैं। वह ब्‍लैक अरबन चैरिटी के लिए काम करते हैं। ये चैरिटी एलुमिनियम बोतलें जमा करके उन्हें रिसाइकल करती है और उससे कम्युनिटी सर्विस करती है। इस घटना के पूर्व अदालत को पता चला कि जैकब के खिलाफ यौन हिंसा, घर में जबरन घुसने के चलते वारंट जारी हुआ था। हालांकि, ये साफ नहीं हुआ है कि तब घटनास्थल पर पुलिस को इसकी जानकारी थी या नहीं। पुलिस के अनुसार वह एक घरेलू हिंसा के मामले को लेकर वहां पहुंचे थे।

अश्‍वेत जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद जल उठा था अमेरिका 

गौरतलब है कि अश्‍वेत जॉर्ज फ्लायड की पुलिस कस्‍टडी में मौत के बाद अमेरिका में नस्‍लीय आंदोलन हिंसक हो गया था। अमेरिका के 30 से अधिक राज्‍यों में नस्‍लीय विरोध में आंदोलन हुए थे। इसकी आंच व्‍हाइट हाउस तक पहुंची थी। देश में नस्‍लीय आंदोलन को दबाने के लिए सेना का इस्‍तेमाल किया गया था। बता दें कि अमेरिका के मिनेपॉलिस शहर में अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। फ्लॉयड पर नकली बिल के जरिए भुगतान करने का आरोप था। इसी के चलते एक श्वेत पुलिस अधिकारी फ्लॉयड की गर्दन पर घुटना टेककर दबाने के चलते उसकी मौत हो गई थी। पुलिस अधिकारी कम से कम आठ मिनट तक अपने घुटने से जार्ज की गर्दन दबाए रखा था। इस दौरान जार्ज सांस रुकने से उसकी मौत हो गई थी। फ्लायड की मौत के विरोध में अमेरिका के कई शहरों में कर्फ्यू का उल्लंघन कर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। यहां तक कि कई महान शख्सियतों पर भी नस्लभेद का आरोप लगा उनकी मूर्तियां तोड़ी गईं।     


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