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जलवायु परिवर्तन का दिख रहा घातक असर, सिकुड़ रहा पक्षियों का आकार, वैज्ञानिकों ने चेताया

जलवायु परिवर्तन का घातक असर दिखाई देने लगा है। लगातार गर्म होती जलवायु के कारण कई पक्षियों को आकार तो सिकुड़ रहा है लेकिन इनके पंखों का फैलाव ज्यादा होने लगा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 09:40 AM (IST)
जलवायु परिवर्तन का दिख रहा घातक असर, सिकुड़ रहा पक्षियों का आकार, वैज्ञानिकों ने चेताया
जलवायु परिवर्तन का दिख रहा घातक असर, सिकुड़ रहा पक्षियों का आकार, वैज्ञानिकों ने चेताया

वाशिंगटन, पीटीआइ। लगातार गर्म होती जलवायु के कारण कई पक्षियों को आकार तो सिकुड़ रहा है, लेकिन इनके पंखों का फैलाव ज्यादा होने लगा है। जलवायु परिवर्तन के खतरों का आकलन करने वाले एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। अमेरिका की मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शिकागो में इमारतों से टकराने के कारण नीचे गिरने वाले प्रवासी पक्षियों की 52 प्रजातियों के एक डाटा सेट का विश्लेषण कर यह दावा किया है।

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अध्ययन के दौरान उन्होंने पाया कि 1978 से 2016 तक 52 प्रजातियों के पक्षियों के शरीर का आकार घट गया है और 49 प्रजातियों में सांख्यिकीय रूप से भारी कमी आई है। इस अध्ययन के परिणाम ईकोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। इसमें बताया गया है कि इस अवधि में 40 पक्षियों की प्रजातियां ऐसी हैं, जिनके पंखों का आकार बढ़ गया है। इसमें अब फैलाव अपेक्षाकृत ज्यादा हो गया है।

मिशिगन यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक ब्रायन वीक्स ने कहा, ‘बढ़ते तापमान के कारण इन पक्षियों के शरीर का आकार घट रहा है। लेकिन यह बात जरूर चौंकाने वाली है कि इससे केवल एक ही प्रजाति के पक्षी प्रभावित नहीं हैं, बल्कि ज्यादातर पक्षियों में तापमान बढ़ने के कारण हुए बदलावों को देखा गया। शोधकर्ताओं ने कहा, ‘पुराने अध्ययन में ऐसी कई संभावनाएं जताई जा रही थी कि जलवायु परिवर्तन का पक्षियों भी सर्वाधिक असर पड़ रहा है, जो सच साबित होता दिख रहा है।’

शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रत्यक्ष तौर पर गर्मी बढ़ने से पक्षियों की मौत तो आम बात है, पर आकार सिकुड़ने का मतलब है कि एक लंबी अवधि से पक्षी भी ग्लोबल वार्मिग ङोल रहे हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि जिस दर से आज पृथ्वी की गर्मी बढ़ रही है यदि इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो हो सकता है कि भविष्य में कई पक्षियों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाए। यदि ऐसा हुआ तो इससे पारिस्थितिकी तंत्र पर भी गंभीर असर पड़ सकता है। 


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