सैकंड हैंड स्मोकिंग के कारण किशोरों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर
अमेरिका के शोधकर्ताओं ने 2014-15 के एक सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण कर निकाला निष्कर्ष, अध्ययन में ऐसे 7,389 किशोरों को किया गया था शामिल, जो अस्थमा से नहीं थे पीड़ित
वाशिंगटन [प्रेट्र]। धूपमान करने वालों के निकट एक घंटा रहना भी किशोरों के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। उन्हें सांस लेने और व्यायाम करने में दिक्कत हो सकती है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। शोधकर्ताओं ने इसे सैकंड हैंड स्मोकिंग कहा है। अध्ययन में 2014-15 के एक सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है, जिसमें अमेरिका में 12 साल या उससे अधिक आयु के लोगों में तंबाकू के इस्तेमाल और उससे संबंधित समस्याओं को शामिल किया गया था।
इस अध्ययन में धूमपान नहीं करने वाले 7,389 ऐसे किशोरों को शामिल किया गया था, जिन्हें अस्थमा की शिकायत नहीं थी। अमेरिका की सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि तंबाकू धूमपान करने वालों के संपर्क में रहने वाले किशोरों में सांस संबंधी समस्याएं पैदा होने का खतरा अधिक था। इतना ही नहीं, शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि धुएं के संपर्क में आए किशोरों को उपचार के लिए तत्काल अस्पताल या आपातकालीन विभाग की आवश्यकता पड़ने की आशंका अधिक थी।
यह अध्ययन पीडीएट्रिक्स नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के प्रमुख लेखक एशले मेरियनोस के मुताबिक, सैकंड हैंड स्मोकिंग के असर से बचने का कोई सुरक्षित स्तर नहीं है। यहां तक कि धुएं की बहुत अल्पमात्रा भी किशोरों को इतना बीमार कर सकती है कि उन्हें उपचार के लिए आपातकालीन विभाग में पहुंचना पड़ सकता है। इससे केवल सांस संबंधी बीमारियों का खतरा नहीं होता, बल्कि पूरे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है।
व्यायाम के दौरान दिखा असर
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान यह भी पाया कि ऐसे किशोर जो धूमपान करने वालों के संपर्क में आते थे उन्हें व्यायाम करने में परेशानी होती थी। शोधकर्ताओं ने देखा कि व्यायाम के दौरान या उसके बाद उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगती थी। वहीं, अध्ययन से पता चला कि ऐसे किशोरों को खराब स्वास्थ्य के चलते स्कूल से भी अवकाश लेना पड़ा, जिसके चलते उनकी पढ़ाई का भी नुकसान हुआ।
क्या कहते हैं आंकड़े
अध्ययन के मुताबिक, एक सप्ताह तक एक घंटे सैकंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आने के कारण किशोरों को व्यायाम करने में परेशानी 1.5 गुना तक बढ़ गई। इसके अलावा व्यायाम के दौरान और बाद में सांस लेने में दिक्कत दो गुना और रात में सूखी खांसी की परेशानी दो गुना बढ़ गई। वहीं, बीमारियों के कारण किशोरों में स्कूल से छुट्टी लेने की दर 1.5 गुना तक बढ़ गई।
बाल रोगों में इजाफा
द अमेरिकन अकेडमी ऑफ पीडीएट्रिक्स का मानना है कि सैकंड हैंड स्मोकिंग के कारण किशोरों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप बाल रोगों में इजाफा होता है।