आइएसआइ का आतंकी चेहरा फिर हुआ बेनकाब, काबुल होटल के हमलावर को दिया था प्रशिक्षण
पिछले दिनों काबुल के आलीशान इंटरकॉन्टिनेंटल होटल पर हुए आतंकी हमले में आइएसआइ का हाथ होने की बात सामने आई है।
वाशिंगटन, प्रेट्र/रायटर। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आइएसआइ) का आतंकी चेहरा फिर बेनकाब हुआ है। पिछले दिनों अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के आलीशान इंटरकॉन्टिनेंटल होटल पर हुए आतंकी हमले में आइएसआइ का हाथ होने की बात सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि महमूद सैकाल ने आरोप लगाया है कि होटल पर हमले में शामिल एक आतंकी को आइएसआइ ने प्रशिक्षण दिया था।
-हमले की साजिश पाकिस्तान के एक मदरसे में रची गई थी, मौजूद था आतंकी का पिता
सैकाल ने एक ट्वीट में कहा, 'होटल पर हमले में शामिल एक आतंकी के पिता अब्दुल कहार ने स्वीकार किया है कि उसके बेटे को आइएसआइ ने पाकिस्तान के चमन इलाके में प्रशिक्षित किया था।' बीती 20 जनवरी को तालिबान के आत्मघाती हमलावरों ने काबुल के इस होटल पर धावा बोला था। इस हमले में 25 लोग मारे गए थे। आतंकियों ने विदेशी नागरिकों की तलाश में होटल का हर कमरा खंगाला था। अफगान सुरक्षा बलों ने करीब 12 घंटे तक चली मुठभेड़ में सभी आतंकियों को मार गिराया था।
-यूएन में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, एक आतंकी के पिता ने किया उजागर
अमेरिका में अफगानिस्तान के दूतावास में सांस्कृतिक मामलों के राजनयिक माजिद करार ने भी इस हमले को लेकर पाकिस्तान का कच्चा-चिट्ठा खोला है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'इसके स्पष्ट सुबूत हैं कि काबुल के होटल पर हमले की साजिश पाकिस्तान की धरती पर स्थित एक मदरसे में रची गई थी। इस साजिश का हमले में शामिल एक आतंकी का पिता अब्दुल कहार चश्मदीद गवाह है।' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'तालिबान हमलावरों के पास से पाकिस्तानी सेना के रात में देखने वाले चश्मे भी पाए गए थे। इन चश्मों को पाकिस्तान की सेना ने एक ब्रिटिश कंपनी से खरीदा था। ये चश्मे कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा और अफगानिस्तान में तालिबान को भी मुहैया कराए जाते हैं।'
सौ लोगों की हत्या के पीछे हक्कानी नेटवर्क
इंटरकॉन्टिनेंटल होटल के बाद बीती 27 जनवरी को काबुल में तालिबान के हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे। अमेरिका ने कहा है कि इस हमले के पीछे हक्कानी नेटवर्क था। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के प्रवक्ता कैप्टन टॉम ग्रेसबैक ने कहा, 'हमें इस बात का पूरा यकीन है कि तालिबान के इस हमले के पीछे हक्कानी नेटवर्क का हाथ था।'