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क्रिप्टोकरेंसी लाएगा 'टेलीग्राम', इस नाम से अगले दो महीनों में लॉन्च करेगा अपनी डिजिटल मुद्रा

टेलीग्राम अगले दो महीने में अपनी डिजिटल मुद्रा लाने की तैयारी में है। टेलीग्राम ने अपने निवेशकों को इस बात की जानकारी दी है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 09:22 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 09:25 AM (IST)
क्रिप्टोकरेंसी लाएगा 'टेलीग्राम', इस नाम से अगले दो महीनों में लॉन्च करेगा अपनी डिजिटल मुद्रा
क्रिप्टोकरेंसी लाएगा 'टेलीग्राम', इस नाम से अगले दो महीनों में लॉन्च करेगा अपनी डिजिटल मुद्रा

वाशिंगटन, न्यूयॉर्क टाइम्स। दिग्गज सोशल मीडिया फर्म फेसबुक अभी अपनी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तमाम सरकारी एजेंसियों की जांच का सामना कर ही रही है कि एक और सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म ने इस ओर कदम बढ़ा दिया है। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम से जुड़े निवेशकों का कहना है कि कंपनी जल्द ही 'ग्राम' के नाम से अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने की तैयारी में है।

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टेलीग्राम ने अपने निवेशकों से बताया है कि उसकी डिजिटल मुद्रा अगले दो महीने में सामने आ सकती है। कंपनी अपने सभी यूजर्स के लिए 'ग्राम डिजिटल वॉलेट' भी लांच करने की तैयारी में है। टेलीग्राम ने इस संबंध में सभी जानकारियों और प्रक्रियाओं को गोपनीय रखा हुआ है। ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प होगा कि सरकारी एजेंसियों की इस पर क्या प्रतिक्रिया रहती है और टेलीग्राम की तैयारी कितना परवान चढ़ पाती है। जानकारों का कहना कै कि इस तरह की डिजिटल मुद्रा लाने की तैयारी कर रही हर कंपनी को सतर्क रहना चाहिए।

अमेरिका में सरकारी एजेंसियां इसको लेकर काफी सख्त हैं। फेसबुक ने भी हाल में अपनी डिजिटल मुद्रा ‘लिब्रा’ को लांच करने की जानकारी दी थी। हालांकि अभी उसकी योजना सरकारी एजेंसियों के निशाने पर है। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस तरह की डिजिटल मुद्रा से नशे के कारोबारियों और मनी लांडिंग में लगे लोगों को फायदा मिलेगा। अमेरिकी एजेंसियों ने सुरक्षा के नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए क्रिप्टोकरेंसी चलाने की कोशिश में लगी कई छोटी कंपनियों को बंद करने की दिशा में भी कदम बढ़ाया है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है। असल में इसकी कोई भौतिक उपस्थिति नहीं होती। इसमें एक सॉफ्टवेयर कोड को मुद्रा की तरह इस्तेमाल किया जाता है। अब तक किसी देश ने ऐसी मुद्राओं को मान्यता नहीं दी है। इसमें होने वाला लेनदेन इतना सुरक्षित होता है कि जांच एजेंसियों के लिए पता लगाना लगभग असंभव है। हाल में कुछ आतंकी संगठनों ने भी क्रिप्टोकरेंसी के जरिये फंड जुटाने की कोशिश की है


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