पूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प के बाद सवालों के घेरे में चीन, जानें- अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार के यक्ष सवाल
अमेरिकी विदेश नीति चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की चाल को समझने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा पूर्वी लद्दाख में जो भी हुआ वह चीन की क्रूर नीति का एक हिस्सा है।
हांगकांग, एजेंसी। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की हिंसक झड़प के बीच अमेरिका ने कहा है कि बीजिंग अपने से कमजोर देशों का सम्मान नहीं करता है। उसके शब्द अर्थहीन होते हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट सी ओ ब्रायन ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और उसके महासचिव शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन से जो खतरा उत्पन्न हुआ है, उसे समझने में दुनिया ने देरी की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अमेरिका से भी चूक हुई है। अमेरिकी विदेश नीति चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की चाल को समझने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा, पूर्वी लद्दाख में जो भी हुआ वह चीन की क्रूर नीति का एक हिस्सा है। उससे दुनिया को सबक लेना चाहिए।
रॉबर्ट सी ओ ब्रायन के यक्ष सवाल
1- चालबाज निकला चीन, अमेरिकी आकलन गलत निकला
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट सी ओ ब्रायन ने 24 जून को अपने एक भाषण में कहा था कि आखिरकार चीन की कम्युनिष्ट पार्टी अमेरिकी हितों के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि चीन निश्चित रूप से पहले से अधिक समृद्ध और ताकतवार हुआ है। ब्रायन ने कहा कि अमेरिका ने यह मान रखा था कि कम्युनिस्ट पार्टी चीन में लोगों की बढ़ती लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उदारीकरण का रवैया अपनाएगा, लेकिन अमेरिका का ऐसा सोचना एक बड़ी भूल थी। अमेरिका का आकलन गलत था। उन्होंने कहा कि 1930 से अब तक यह हमारी विदेश नीति की एक बड़ी विफलता थी।
2- चीन को समझने अमेरिका से हुई चूक
ब्रायन ने सवाल के लहजे में कहा कि आखिर अमेरिका ने ऐसी गलती कैसे की ? हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की प्रकृति को समझने में कैसे असफल रहे? उन्होंने कहा इसका जवाब सरल और स्पष्ट है। उन्होंने कहा, क्योंकि हमने सीसीपी की विचारधारा पर कभी ध्यान नहीं दिया। उन्होंने चेतावनी दी की सीसीपी लोगों के जीवन पर पूरा नियंत्रण चाहता है। उन्होंने कहा उसके इस नियंत्रण की अवधारणा व्यापक है। उसके इस नियंत्रण में आर्थिक नियंत्रण और राजनीतिक नियंत्रण दोनों शामिल है। इसका अर्थ है शारीरिक नियंत्रण और सबसे महत्वपूर्ण है विचारों का नियंत्रण।
3- शी का बड़ा बयान, पूर्वजों की एक इंच जमीन भी नहीं खो सकता चीन
उन्होंने शी के एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि शी ने वर्ष 2018 में कहा था कि चीन हमारे पूर्वजों द्वारा छोड़े गए क्षेत्र का एक इंच भी नहीं खो सकता है। दुर्भाग्य से, चीन लगातार उस क्षेत्र पर दावा कर रहा है, जो उसके स्वामित्व में पहले कभी नहीं था। इसके बावजूद 'संप्रभुता' पर जोर दिया जाता है, चाहे दक्षिण चीन सागर हो याह जापान का सेनकाकू / डियाओयू द्वीप समूह, ताइवान, हांगकांग या भारतीय सीमा। उन्होंने कहा कि चीन का रवैया चिंताजनक है।
पीएलए के सेवानिवृत्त वायु सेना के प्रमुख जनरल के भड़ाकाऊ बयान
पीएलए के सेवानिवृत्त वायु सेना के प्रमुख जनरल किआओ लियांग ने वीचैट पर पोस्ट किया कि हमें भारत की प्रतिक्रिया को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, लेकिन हमें अपने गार्ड को भी कम करके नहीं आंकना चाहिए। उन्होंने कहा चीन को इस पहल को प्रोत्साहित करना चाहिए। अगर हमें युद्ध लड़ना है तो हमें इसकी तत्काल पहल करनी चाहिए। हमें पड़ोसी को पीड़ा पहुंचाने के लिए एक छोटे और मध्यम आकार का युद्ध में शामिल होना चाहिए। पूर्व वायु सेना प्रमुख ने कहा कि हमें छोटे युद्धों के माध्यम से सम्मान प्राप्त करना चाहिए।