मुंबई हमले का साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा अमेरिका में गिरफ्तार, लाया जाएगा भारत
तहव्वुर राणा की जेल की सजा दिसम्बर 2021 में पूरी होने वाली थी लेकिन उसे जल्दी रिहा कर दिया गया था।
वाशिंगटन, प्रेट्र। मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को प्रत्यíपत करने के भारत के अनुरोध पर दस जून को लॉस एंजिलिस में दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। राणा (59) को हाल ही में तब जेल से अनुकंपा आधार पर रिहा किया गया था, जब उसने अदालत को बताया था कि वह कोरोना संक्रमित है। दोनों देशों के बीच 1997 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी। भारत में राणा को भगोड़ा घोषित किया गया है।
वर्ष 2008 में हुए आतंकी हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। राणा 11 जून को यहां अदालत में पेश हुआ था। कैलिफोíनया में अमेरिकी डिस्टि्रक कोर्ट में डिस्टि्रक जज जैकलिन चूलजियान ने शुक्रवार को उसके मामले में सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख तय की है। उसके वकील को 22 जून तक याचिका दाखिल करने और संघीय सरकार को 26 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
असिस्टेंट यूएस अटॉर्नी जॉन जे लुलजियन ने कहा कि जिस अपराध के लिए राणा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, वह प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद-2 के तहत आता है। 28 अगस्त, 2018 को राणा के खिलाफ एनआइए की विशेष अदालत की जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूनम ए बांबा ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर था राणा
राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था। उसने पाकिस्तान के ही कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल से मेडिकल की डिग्री हासिल की थी। इसी कॉलेज में उसकी मुलाकात मुंबई हमले के एक और आरोपी और पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हैडली उर्फ सैयद दाऊद गिलानी से हुई थी। पेशे से डॉक्टर राणा पाकिस्तान आर्मी मेडिकल कार्प्स में कैप्टन जनरल था। राणा और उसकी पत्नी जो स्वयं भी डॉक्टर थी, दोनों 1997 में कनाडा चले गए और जून 2001 में कनाडा की नागरिकता हासिल कर ली थी।
35 साल जेल की सजा काट रहा हैडली
संघीय अभियोजकों के अनुसार वर्ष 2006 से नवंबर 2008 के बीच राणा ने हैडली के साथ मिलकर मुंबई हमलों की साजिश रची और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैबा और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी को इसे अंजाम देने में मदद प्रदान की। हैडली जो बाद में इसी मामले में गवाह बन गया है, वह फिलहाल अमेरिका 35 सालों की जेल की सजा काट रहा है।
सुनाई गई थी 14 साल जेल की सजा
अभियोजकों के अनुसार राणा को सबसे पहले 18 अक्टूबर 2009 को शिकागो में गिरफ्तार किया गया था। उसे मुंबई हमलों के संबंध में एक अपराध का दोषी भी ठहराया गया था, लेकिन अमेरिकी अभियोजक 2011 में चले मुकदमे के दौरान उस पर आतंकवाद का वह आरोप साबित करने में नाकाम रहे जो उसे उन हमलों से सीधे जोड़ता था। राणा को वर्ष 2013 में आतंकी संगठनों की मदद करने के मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। राणा को डेनमार्क के उस अखबार पर हमला करने की साजिश में मदद करने के लिए भी गिरफ्तार किया गया था, जिसने 2005 में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित किए थे। हालांकि इस हमले को अंजाम नहीं दिया गया।