गोलान हाइट्स पर अमेरिकी मान्यता से भड़का सीरिया, UNSC में कहा आपात बैठक बुलाएं
डोनाल्ड ट्रंप का विवादों से गहरा नाता रहा है। एक फिर वह अपने इजरायल-सीरिया विवाद पर लिए गए अपने फैसलों को लेकर विवादों में हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके फैसले का विरोध हो रहा है।
यूनाइटेड नेशन, एएफपी। इस्राइल द्वारा सीरिया से युद्ध के दौरान छीने गए सीमावर्ती इलाके गोलान हाइट्स को अमेरिका द्वारा मान्यता दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब मामले में सीरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से अनुरोध किया है कि वह इस मसले पर जल्द बैठक कर मामले का निस्तारण करें।
इस्राइल ने 1967 की छह दिवसीय जंग में सीरिया के सीमावर्ती इलाके गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार के इस क्षेत्र पर इस्राइल के कब्जे को आधिकारिक मान्यता देने से जुड़ी घोषणा पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। ट्रंप के इस फैसले की दुनिया के कई देशों में आलोचना हो रही है। खास तौर पर सीरिया समेत अरब देश अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले से काफी असंतुष्ट हैं।
मामले में मंगलवार को सीरिया ने UNSC से अनुरोध किया है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले पर जल्द आपात बैठक बुलाएं। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही गोलान हाइट्स से इजरायल की वापसी का आव्हान किया था। बावजूद अमेरिका द्वारा इजरायल को मान्यता दे दी गई।
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, सीरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मौजूदा अध्यक्ष फ्रांस से कहा है कि वह गोलान हाइट्स पर इजरायल के कब्जे की मौजूदा स्थिति पर चर्चा और अमेरिका द्वारा सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों की अव्हेलना करने के मुद्दे पर चर्चा कर कोई समाधान निकाले। हालांकि, फ्रांस ने तत्काल बैठक का समय निर्धारित नहीं किया है और राजनयिकों ने कहा है कि सीरिया के अनुरोध पर परिषद में चर्चा होगी।
शुक्रवार को सीरिया ने एक अलग पत्र लिखकर कहा था कि UNSC के प्रस्तावों को बरकरार रखते हुए, इजरायल को गोलान हाइट्स से वापस किया जाए। UNSC ने इजरायल और सीरिया के मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए बुधवार को बैठक बुलाई है। बैठक में जनादेश के जरिए ये भी फैसला लिया जाएगा कि दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए शांति सेना तैनात रखा जाए या नहीं।
UNSC में शामिल पांच यूरोपीय देश पहले ही डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गोलान हाइट्स पर इजरायल को मान्यता देने के फैसलो को खारिज कर चुके हैं। साथ ही इन देशों ने चिंता व्यक्त की थी कि अमेरिका के इस कदम से मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) में तनाव बढ़ सकता है। इसमें से दो देश ब्रिटेन और फ्रांस, वाशिंगटन के निकट सहयोगी हैं। इनके अलावा बेल्जियम, जर्मनी और पोलैंड भी इन पांच यूरोपीय देशों में शामिल हैं। इन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह पुराने प्रस्ताव पर कायम हैं। गोलान हाइट्स, अब भी इजरायल के कब्जे वाला सीरियाई क्षेत्र है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, गोलान हाइट्स से इजरायल को हटने के लिए तीन बार प्रस्ताव ला चुका है। इजरायल ने 1981 में गोलान हाइट्स को अपने क्षेत्र के तौर पर घोषणा की थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे कभी मान्यता नहीं मिली थी। अमेरिका के कार्यवाहक राजदूत जोनाथन कोहेन ने मिडिल ईस्ट के मसलों पर परिषद में हुई एक बैठक में बताया कि वाशिंगटन ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद और ईरान के साथ खड़े होने का निर्णय किया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि ऐसा कोई शांति समझौता नहीं हो सकता जो गोलान हाइट्स में इजरायल की सुरक्षा जरूरतों को संतोषजनक ढंग से संबोधित नहीं करता है।