प्रधानमंत्री इमरान को सेना की कठपुतली मानते हैं पाकिस्तानी लोकतंत्र समर्थक
चुनाव के बाद पाकिस्तान के हालात, आतंकवाद और वहां सुधारों के लिए लड़ रहे लोगों की आवाज बुलंद करने पर चर्चा हुई।
वाशिंगटन, प्रेट्र। सेना और इमरान खान की सरकार से नाखुश पाकिस्तानियों ने अमेरिका में एक सम्मेलन कर जुलाई में हुए चुनाव के बाद पाकिस्तान में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की खस्ताहाल स्थिति पर चर्चा की। उनका मानना है कि पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान सेना की कठपुतली हैं। वहां की सत्ता अभी भी सेना के कब्जे में है और इमरान सरकार ने लोकतंत्र का केवल मुखौटा पहना हुआ है।
दुनियाभर में रहे रहे पाक दिग्गजों ने अमेरिका में किया सम्मेलन
शनिवार को शुरू हुए दो दिवसीय सम्मेलन 'पाकिस्तान ऑफ्टर द इलेक्शन' में दुनियाभर में रह रहे पाकिस्तानी बुद्धिजीवी, पत्रकार, ब्लॉगर व सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इनमें से ज्यादातर पाकिस्तान से निर्वासित हैं।
लोकतंत्र समर्थक पाकिस्तानियों द्वारा बनाए गए 'साउथ एशियन्स अगेंस्ट टेररिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स' (साथ) के साथ संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी और अमेरिका में रह रहे स्तंभकार मुहम्मद तकी ने इसका आयोजन किया है। इसमें चुनाव के बाद पाकिस्तान के हालात, आतंकवाद और वहां सुधारों के लिए लड़ रहे लोगों की आवाज बुलंद करने पर चर्चा हुई।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए हक्कानी ने कहा कि आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग होना पाकिस्तान की असल समस्या है, लेकिन वहां की सरकार यह मानने से कतराती है। देश की छवि सुधारने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा, 'देश में विभिन्न विचारों को दबाने से ना तो वहां के आर्थिक हालात सुधरेंगे ना ही सरकार देश की छवि सुधार पाएगी। सकारात्मक छवि बनाने के लिए सकारात्मक कदम उठाना जरूरी है।' स्तंभकार तकी का कहना था कि पाकिस्तान की हालात बदलने के लिए सभी देशवासियों को साथ आना होगा। रविवार को सम्मेलन के अंतिम दिन अमेरिकी सांसद ब्रेड शर्मन बैठक को संबोधित करेंगे।
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