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सुनंदा वशिष्ठ का बड़ा बयान, कहा- जानने वालों ने कहा था, तुम जानबूझकर खुदकशी करने जा रही हो

पाकिस्तानी लॉबी को उधेड़कर रख देने वाली कश्मीरी मूल की स्तंभकार सुनंदा वशिष्ट ने कहा कि उन्हें पता था कि उनका सामना भारत के विरोधियों से है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 08:14 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 08:14 AM (IST)
सुनंदा वशिष्ठ का बड़ा बयान, कहा- जानने वालों ने कहा था, तुम जानबूझकर खुदकशी करने जा रही हो
सुनंदा वशिष्ठ का बड़ा बयान, कहा- जानने वालों ने कहा था, तुम जानबूझकर खुदकशी करने जा रही हो

वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी संसद के सामने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तानी लॉबी को उधेड़कर रख देने वाली कश्मीरी मूल की स्तंभकार सुनंदा वशिष्ट ने कहा कि उन्हें पता था कि उनका सामना भारत के विरोधियों से है। कांग्रेस के पैनल के सामने जाने से पहले उनके जानने वालों ने उन्हें रोकना चाहा था, कहा था कि मैं जान बूझकर खुदकशी करने जा रही हूं। लेकिन उनके लिए पीछे हटने का सवाल ही नहीं था।

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राजनीतिक टिप्पणीकार वशिष्ट को कांग्रेस में कश्मीर में आतंकवाद पीडि़तों के दर्द को दुनिया के सामने रखने के लिए ढेरों बधाइयां मिल रही हैं। उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर लोग उन्हें बधाइयां देने के साथ ही उनकी जमकर सराहना कर रहे हैं। वशिष्ट ने सभी का आभार जताया है।

सुनंदा वशिष्ट ने बताया कि गुरुवार को होने वाले कार्यक्रम के बारे में उन्हें दो दिन पहले जानकारी मिली। उन्हें लगा कश्मीर के लोगों ने इस्लामिक आतंकवाद का जो दर्द झेला है उसे अमेरिकी संसद के माध्यम से दुनिया के सामने लाने का इससे बेहतर मौका नहीं हो सकता। हालांकि, उन्हें यह भी पता था कि भारत विरोधी पैनल से उन्हें बुलावा आने की उम्मीद कम है। इसके बावजूद उन्होंने पैनल के प्रमुख को मेल के जरिए आने की इच्छा जताई थी। उन्हें हैरानी तब हुई जब अगले दिन उन्हें आमंत्रण मिल गया।

बता दें कि सुनंदा ने संसदीय पैनल के सामने कहा था कि पश्चिम के देश जिस इस्लामिक आतंकवाद का आज सामना कर रहे हैं, उनका कश्मीर तीन दशक पहले उसे झेल चुका है। आइएसआइएस जैसी क्रूरता कश्मीर पहले ही देख चुका है। उन्होंने बताया था कि किस तरह 30 साल पहले कश्मीर से हिंदुओं को अपना सबकुछ छोड़कर भागने के लिए मजबूर कर दिया गया था। मस्जिदों से हिंदुओं के लिए चेतावनी जारी की जा रही थी। इस्लामिक आतंकवाद से डरकर रातों रात कश्मीरी हिंदुओं को भागना पड़ा था।


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