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कोरोना काल में खराब हुई छात्रों के खाने की आदत, शारीरिक गतिविधियां भी हुईं प्रभावित

कोरोना हमारी जिंदगी में कई बदलाव लाया है। इससे छात्र भी दूर नहीं हैं। अमेरिका के सस्काचेवान विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि इस महामारी और अकेलेपन ने छात्रों के खाने की आदतों को खराब कर दिया है।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 09:44 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 09:44 AM (IST)
कोरोना काल में खराब हुई छात्रों के खाने की आदत, शारीरिक गतिविधियां भी हुईं प्रभावित
कोरोना महामारी और अकेलेपन ने छात्रों काफी प्रभावित किया।

वाशिंगटन, एएनआइ। कोरोना हमारी जिंदगी में कई बदलाव लाया है। इससे छात्र भी दूर नहीं हैं। अमेरिका के सस्काचेवान विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि इस महामारी और अकेलेपन ने छात्रों के खाने की आदतों को खराब कर दिया है। साथ ही उनकी शारीरिक गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगा दिया है। इस कारण छात्रों ने शराब का ज्यादा उपभोग शुरू कर दिया है।

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महामारी से पहले और महामारी के दौरान छात्रों के खाने की आदतों, शारीरिक गतिविधियों और व्यवहार में परिवर्तन का आकलन करने के लिए यह शोध किया गया था। शोध के निष्कर्षो का प्रकाशन जर्नल अप्लाइड फिजियोलॉजी, न्यूट्रिशन और मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित किया जाता है।

शोध के प्रमुख लेखक प्रोफेसर गॉर्डन जेलो ने कहा, 'हमारे निष्कर्ष इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि विश्वविद्यालय के ज्यादातर छात्र खाने को लेकर काफी अनियमित रहते हैं और इससे उनकी दिनचर्या प्रभावित होती है। इसके अलावा कई देशों में कोरोना से बचाव के लिए जारी दिशानिर्देशों की वजह से शारीरिक गतिविधियां भी रुक गई हैं। ऐसे में इन छात्रों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है, ताकि उनकी सेहत खराब न हो।

इस तरह हुआ शोध

सस्काचेवान और रेजिना विश्वविद्यालय के 125 छात्रों पर चार महीने तक अध्ययन किया गया। ये सभी छात्र अपने रूममेट के साथ रहते थे और अपने लिए खाना स्वयं बनाते थे। इनसे ऑनलाइन प्रश्नावली के जरिये कोरोना महामारी से पहले और उसके दौरान उनके भोजन, शारीरिक गतिविधि और व्यवहार के बारे में जानकारी हासिल की गई। चूंकि अध्ययन की शुरुआत के वक्त सस्काचेवान में कोरोना की वजह से लॉकडाउन था, इसलिए महामारी से पहले छात्र क्या खा रहे थे यह उनके दिमाग में ताजा था।

जेलो ने कहा कि महामारी से पहले हुए अध्ययन में विश्वविद्यालय के छात्रों में खाने को लेकर काफी अनियमितता और शारीरिक गतिविधियों को लेकर नकारात्मकता सामने आई थी। ऐसे में यह दूसरा अध्ययन यह जानने का बेहतर मौका था कि महामारी पर अंकुश लगाने के लिए किए गए उपायों ने उनके जीवन पर क्या असर डाला है।

यह रहा निष्कर्ष

अध्ययन में पाया गया कि छात्रों ने पहले की तुलना में महामारी के दौरान हर दिन कम भोजन खाया। मिसाल के तौर पर, उन्होंने 20 फीसद कम मांस, 45 फीसद कम सब्जियां और 44 फीसद कम डेयरी उत्पाद का सेवन किया। हालांकि, उन्होंने कॉफी और चाय जैसे पेय पदार्थ का भी बहुत कम सेवन किया।


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