बाइडन से शपथग्रहण से पहले फेसबुक का बयान, सभी प्लेटफॉर्म से हटाएगा Stop the steal से जुड़ी सामग्री
फेसबुक ने कुछ दिन पहले ही स्टॉप द स्टील (Stop the steal) नामक समूह पर पाबंदी लगाई थी। इसका इस्तेमाल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कर रहे थे।
वाशिंगटन, एएनआइ। नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के 20 जनवरी को शपथग्रहण समारोह से पहले फेसबुक अपने सभी प्लेटफॉर्म से 'स्टॉप द स्टील' से जुड़ी सभी सामग्री हटा देगा। फेसबुक ने सोमवार को घोषणा की करते हुए कहा कि वह फेसबुक और इंस्टाग्राम की कोऑर्डिनेटिंग हार्म पॉलिसी के तहत यह कदम उठाने जा रहा है।
फेसबुक के अधिकारियों ने एक बयान में कहा, 'हम आम चुनाव की तरह ही अगले कुछ हफ्तों के लिए अतिरिक्त कदम उठा रहे हैं, ताकि गलत सूचना और सामग्री को रोका जा सके। सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि उसने नवंबर में 'स्टॉप द स्टील' समूह को हटा दिया था और हिंसा के लिए उकसाने सहित किसी भी नीतियों का उल्लंघन करने वाले पृष्ठों, समूहों को हटाना जारी रखा है।
फेसबुक ने यह भी कहा कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खाते के अनिश्चितकालीन निलंबन के बाद अमेरिका में राजनीति या चुनाव के बारे में कोई विज्ञापन नहीं देगा। फेसबुक ने अपने प्लेटफॉर्म से हिंसक सामग्री को हटाने, खातों को निष्क्रिय करने और सार्वजनिक सुरक्षा खतरा पैदा करने वालों के खिलाफ अपनी अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।
दूसरी तरफ अमेरिकी सदन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू कर दी है। ट्रंप पर पिछले हफ्ते कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद पर हमले के लिए अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप है। ट्रंप के खिलाफ विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन सदस्यों द्वारा प्रस्तावित महाभियोग विधेयक को अमेरिकी संसद कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में पेश किया गया है।
प्रस्ताव में कहा गया, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका और इसके सरकारी संस्थानों की सुरक्षा को गहरे खतरे में डाला है और लोकतांत्रिक प्रणाली की अखंडता को चुनौती दी है।' आगे कहा गया है, 'अगर उन्हें पद पर बने रहने की अनुमति दी जाती है तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा, लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा बने रहेंगे।'इससे पहले, रिपब्लिकन सांसदों ने सदन के उस प्रस्ताव को रोक दिया था, जिसमें ट्रंप को राष्ट्रपति पद से जल्द हटाने के वास्ते उपराष्ट्रपति पेंस से 25 वें संशोधन को लागू करने का आह्वान किया गया था।