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SpaceX ने रचा इतिहास, दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर सुरक्षित कक्षा में दाखिल हुआ रॉकेट

निजी कंपनी स्‍पेसएक्‍स ने अपने रॉकेट फॉल्‍कन-9 के साथ दो नासा अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन के लिए रवाना करके इतिहास रच दिया है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 01:46 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 07:34 AM (IST)
SpaceX ने रचा इतिहास, दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर सुरक्षित कक्षा में दाखिल हुआ रॉकेट
SpaceX ने रचा इतिहास, दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर सुरक्षित कक्षा में दाखिल हुआ रॉकेट

केप कनवेरल, एपी। एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेस एक्स (SpaceX) के रॉकेट ने शनिवार को दो अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन के लिए रवाना हो गया। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, जैसे ही काउंटडाउन खत्म हुआ नासा के रॉबर्ट बेनकेन (Bob Behnken) और डगलस हर्ले (Doug Hurley) नाम के दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ड्रैगन कैप्सूल (Dragon capsule) को लेकर निजी कंपनी स्पेस एक्स का रॉकेट फॉल्‍कन-9 स्‍थानीय समय के मुताबिक, अपराह्न 3.22 बजे अपनी यात्रा पर रवाना हो गया।  

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सुरक्षित कक्षा में पहुंचा कैप्‍सूल 

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रक्षेपित किए गए रॉकेट ने कुछ ही म‍िनटों में अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित कक्षा (orbit) में पहुंचा दिया। इस दौरान स्‍पेस एजेंसी नासा ऑपरेशन पर बारीकी से नजर बनाए हुए थी। उड़ान से चंद सेकेंड पहले डगलस हर्ले (Doug Hurley) ने कहा कि 'आइए यह द‍िया जलाएं' (Let's light this candle)... ठीक यही वाक्‍य एलन शेपर्ड (Alan Shepard) ने सन 1961 में पहले मानव स्‍पेस मिशन के दौरान कहा था। 

स्‍टेशन पहुंचने में लगेंगे 19 घंटे 

अमेरिका पहली बार किसी निजी कंपनी के रॉकेट ने ड्रैगन कैप्सूल में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरी है। इस प्रक्षेपण के साथ ही अमेरिका में कॉमर्शियल स्‍पेस ट्रवेल के एक नए युग की शुरुआत हो गई है। अमेरिका से पहले रूस और चीन ऐसा कर चुके हैं। अंतरिक्ष में जाने के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को वहां हवा की रफ्तार नियंत्रण के दायरे में रहने की जरूरत होगी। अंतरिक्ष यात्रियों का गंतव्य यानी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन 19 घंटे की उड़ान दूरी पर मौजूद है। 

अमेरिकी धरती से एक दशक बाद बना रिकॉर्ड 

आंकड़ों के लिहाज से देखें तो 21 जुलाई 2011 के बाद पहली बार अमेरिकी धरती से कोई मानव मिशन स्‍पेस में भेजा गया है। यह लॉन्चिंग उसी लॉन्‍च पैड से हुई जिससे 50 साल पहले अपोलो अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजा गया था। एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दोनों अंतरिक्ष यात्री तय शेड्यूल के तहत रविवार को इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पहुंचेंगे। दोनों चार महीने तक स्‍पेस स्‍टेशन पर रहेंगे और बाद में धरती पर लौट आएंगे। 

मिशन को डेमो-2 दिया गया नाम 

इस मिशन को डेमो-2 मिशन नाम दिया गया है। डेमो-1 मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से स्पेस स्टेशन पर सफलतापूर्वक सामान पहुंचाया गया था। स्पेसएक्स नासा के अंतरिक्ष यात्रियों को फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भेजेगा। यह पहला मौका है जब सरकार के बजाय किसी निजी कंपनी ने अंतरिक्ष यात्रियों को स्‍पेस में भेजा है। यह लॉन्चिंग 27 नवंबर को होनी थी लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे टालना पड़ा था। 

नासा ने कहा, बढ़ेगा मनोबल 

गौर करने वाली बात यह है कि यह मिशन ऐसे समय लॉन्‍च हुआ है जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। साथ ही अमेरिका का चीन और रूस से तनाव बना हुआ है। अकेले अमेरिका में ही कोरोना वायरस ने एक लाख से ज्‍यादा लोगों की जान ले ली है। नासा के अधिकारियों ने कहा है कि यह उड़ान देश के मनोबल को बढ़ाने में मदद करेगी। अब स्पेसएक्स को अमेरिका, कनाडा और उत्तरी अटलांटिक से लेकर आयरलैंड तक समुद्र में शांत लहरों और शांत हवा की जरूरत होगी ताकि अंतरिक्ष यात्रियों को सकुशल उतारा जा सके। 


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