बर्फबारी से अब नो टेंशन, वैज्ञानिकों ने खोजी तरकीब, नए डिवाइस से बन जाएगी बिजली
बर्फ पॉजिटिवली चार्ज्ड (धनावेशित) पदार्थ है और उसमें इलेक्ट्रॉन देने की प्रवृत्ति होती है। नई डिवाइस में बर्फ की इसी खासियत का इस्तेमाल किया गया है।
लॉस एंजिलिस, प्रेट्र। सर्दी के मौसम में सामान्य से अधिक बर्फबारी से जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। कुछ इलाकों में कई दिनों तक बिजली की आपूर्ति भी ठप हो जाती है। वैज्ञानिकों ने अब एक ऐसी डिवाइस बनाई है जिससे बर्फबारी परेशानी का सबब नहीं बनेगी, बल्कि उससे बिजली बनाई जा सकेगी।
अमेरिकी की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिलिस (यूसीएलए) ने इसके लिए पहली बार 3डी प्रिंटेड डिवाइस बनाने में सफलता पाई है। प्लास्टिक की छोटी और पतली चादर जैसी यह डिवाइस किफायती भी है। स्नो टेंग नामक इस डिवाइस में बैटरी की जरूरत भी नहीं पड़ती। इस खूबी के चलते इसका ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में भी इस्तेमाल हो सकता है।
किस तरह करती है काम
बर्फ पॉजिटिवली चार्ज्ड (धनावेशित) पदार्थ है और उसमें इलेक्ट्रॉन देने की प्रवृत्ति होती है। नई डिवाइस में बर्फ की इसी खासियत का इस्तेमाल किया गया है। वैज्ञानिकों ने सिलिकोन (सिलिकन व ऑक्सीजन के परमाणु से बना पॉलीमर) की सतह तैयार की।
सिलिकोन ऋणावेशित होता है और इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने में अन्य पदार्थो से बेहतर है। उसकी सतह पर बर्फ पड़ने से दोनों पदार्थ के बीच इलेक्ट्रॉन का आदन-प्रदान होता है और ऊर्जा उत्पन्न होती है। नई डिवाइस इस ऊर्जा से ही बिजली बनाती है।
सोलर पैनल में हो सकता है इस्तेमाल
ठंड के समय धरती का 30 फीसद हिस्सा बर्फ से ढक जाता है। उस दौरान सोलर पैनल भी ठीक से काम नहीं करते। यदि सोलर पैनल में नई डिवाइस का इस्तेमाल हो तो बर्फबारी के दौरान भी बिजली आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं आएगी।