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साल 2014 के बाद से 20 हजार भारतीयों ने मांगी अमेरिका से शरण

साल 2014 के बाद से करीब 20 हजार भारतीय अमेरिका में शरण के लिए आवेदन कर चुके हैं। हालांकि, यह उतना आसान नहीं रहा है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Sat, 01 Dec 2018 11:58 AM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 11:58 AM (IST)
साल 2014 के बाद से 20 हजार भारतीयों ने मांगी अमेरिका से शरण
साल 2014 के बाद से 20 हजार भारतीयों ने मांगी अमेरिका से शरण

वाशिंगटन, प्रेट्र। साल 2014 के बाद से करीब 20 हजार भारतीयों ने अमेरिका में शरण मांगी है। जुलाई तक जारी आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा 7,214 भारतीयों ने अमेरिका में शरण के लिए आवेदन दिया है। जिनमें से सिर्फ 296 ही महिलाएं हैं। यह जानकारी अमेरिका के गृह विभाग की ओर से कैलिफोर्निया की एक संस्था उत्तर अमेरिकी पंजाबी सभा (NAPA) को दी गई है। यह संस्था पंजाब से आए अवैध प्रवासियों को लेकर काम करती है।

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संस्था को दी गई जानकारी के मुताबिक साल 2014 में 2306 लोगों ने अमेरिका में शरण लेने लिए आवेदन दिया था। इनमें से 146 के करीब महिलाएं थीं। जबकि एक आवेदन के बारे में पता नहीं चल सका है। अगले साल 2015 में 2971 लोगों ने अमेरिका से शरण मांगी, इनमें से 96 महिलाएं थीं। साल 2016 में यह संख्या बढ़कर 4088 तक पहुंच गई, जिनमें से 123 महिलाएं थीं। इसी तरह साल 2017 में 3656 लोगों ने अमेरिका में शरण के लिए आवेदन किया। जिनमें से 187 महिलाएं थी। 

पंजाबी सभा के निदेशक सतनाम सिंह चहल ने एक बयान में कहा, 'अमेरिका में शरण लेने वाले भारतीयों की संख्या पिछले दो साल में करीब-करीब दोगुनी हो गई है। यह हम सबके लिए चिंता का विषय है।' सतनाम सिंह ने कहा कि हर साल हजारों भारतीय विदेश में बसने के लिए अपनी किस्मत आजमाते हैं, जिनमें से कि ज्यादातर पंजाब से हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा करने के लिए ये लोग करीब 25-30 लाख रुपया ट्रैवल एजेंट्स को देते हैं। 

चहल ने कहा, 'अमेरिकी शरण कानून उन लोगों पर लागू होता है जिन्हें नस्ल, धर्म, राष्ट्रीयता, किसी विशेष सामाजिक समूह में सदस्यता या राजनीतिक राय के कारण उत्पीड़न का एक अच्छी तरह से स्थापित भय हो।' उन्होंने कहा कि जो लोग सामान्य अपराध और हिंसा के कारण देश छोड़कर जाना चाह रहे हैं, वे लोग इस दायरे में आसानी से फिट नहीं होते। ट्रंप प्रशासन ने कई विवादित नीतियों को लागू कर दिया है, जिनके कारण अमेरिका में आप्रवासन यानि शरण लेना आसान नहीं रह गया है। 


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