न्यूयॉर्क की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएंगे ये भारतवंशी, कोरोना के कारण हुआ है भारी घाटा
आयोग में शामिल किए गए 49 वर्षीय सिद्धार्थ मुखर्जी कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर और वर्ष 2011 में पुलित्जर अवार्ड विजेता हैं।
न्यूयॉर्क, प्रेट्र। अमेरिका में कोरोना महामारी का केंद्र बने न्यूयॉर्क प्रांत की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए एक आयोग का गठन किया गया है। इसमें भारतवंशी चिकित्सक सिद्धार्थ मुखर्जी और उच्च शिक्षाविद सतीश त्रिपाठी भी शामिल किए गए हैं। दिल्ली में जन्मे मुखर्जी ने कैंसर पर लिखी अपनी किताब के लिए वर्ष 2011 में पुलित्जर अवार्ड जीता था। जबकि त्रिपाठी ने वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से पढ़ाई की है।
दिल्ली में जन्मे सिद्धार्थ मुखर्जी और बीएचयू में पढ़े सतीश त्रिपाठी भी शामिल
न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने रविवार को गूगल के पूर्व सीईओ एरिक श्मिट की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय आयोग का एलान किया। आयोग में शामिल किए गए 49 वर्षीय मुखर्जी कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर भी हैं। भारत में जन्मे मुखर्जी एक हेमटोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने 2011 में 'द एम्परर ऑफ ऑल मैलोडीज: ए बायोग्राफी ऑफ कैंसर' के लिए पुलित्जर पुरस्कार जीता।
जबकि त्रिपाठी न्यूयॉर्क की बफेलो यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बीएचयू से स्नातक की पढ़ाई करने के साथ ही कंप्यूटर साइंस समेत तीन विषयों में मास्टर डिग्री हासिल की है। एक टोरंटो विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में और दो सांख्यिकी में अलबर्टा विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से की है। 15 सदस्यीय आयोग में इनके अलावा अन्य प्रख्यात शख्सयितों जैसे रॉकफेलर फाउंडेशन के अध्यक्ष रिचर्ड पार्सन्स, फोर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष डेरेन वाकर, कॉर्नेल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मार्था पोलाक और आईबीएम के अध्यक्ष गिन्नी रोमेल्टी शामिल होंगे।
महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क
अमेरिका में महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में तीन लाख 70 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। 29 हजार से अधिक की मौत हुई है। कुओमो ने गत अप्रैल में कहा था, 'हमें अब तक 15 अरब डॉलर (करीब एक लाख 13 हजार करोड़ रुपये) का घाटा हुआ है।' एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, करीब दो करोड़ की आबादी वाले न्यूयॉर्क में करीब 12 लाख लोगों ने बेरोजगारी लाभ के लिए आवेदन किया है।