मानसिक समस्याएं दे सकता है कोरोना का गंभीर संक्रमण, नए शोध में आया सामने
बीएमजे ओपेन पत्रिका में अध्ययन के नतीजों को प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में अस्पतालों में भर्ती रहे करीब 150 मरीजों पर गौर किया गया था। इनमें से 73 फीसद डिलीरियम से पीड़ित पाए गए थे।
वाशिंगटन, आइएएनएस। कोरोना वायरस (कोविड-19) के चलते पीड़ितों में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं भी खड़ी हो रही हैं। एक नए अध्ययन से पता चला है कि कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित होने वाले लोगों को मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अध्ययन के अनुसार, गंभीर संक्रमण के साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में उपचार के दौरान या इसके बाद डिप्रेशन (अवसाद) और डिलीरियम समेत कई मानसिक समस्याओं का उच्च खतरा पाया गया है। डिलीरियम में मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है। इसकी वजह से उलझन भरी सोच, भ्रम और सोचने व समझने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बीएमजे ओपेन पत्रिका में अध्ययन के नतीजों को प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में अस्पतालों में भर्ती रहे करीब 150 मरीजों पर गौर किया गया था। इनमें से 73 फीसद डिलीरियम से पीड़ित पाए गए थे। अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता फिलिप व्लिसाइड्स ने बताया, 'ऐसे पीड़ितों में कोरोना संबंधी बीमारियों के गंभीर होने का खतरा भी ज्यादा पाया गया। कोरोना का ऐसी कई जटिलताओं से जुड़ाव पाया गया, जिससे मरीजों को लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है।'
शोधकर्ताओं ने गत वर्ष मार्च और मई में आइसीयू में भर्ती रहने वाले इन मरीजों से अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद बातचीत की। इनके मेडिकल डाटा का विश्लेषण किया। उन्होंने बताया कि कोरोना बीमारी के चलते मस्तिष्क में आक्सीजन की कमी हो सकती है और रक्त का थक्का व स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है। नतीजन मानसिक समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
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