गंजे लोगों के लिए जगी उम्मीद की किरण, वैज्ञानिकों ने चूहे के शरीर पर उगाए बाल
गंजेपन के शिकार लोगों के सिर पर भी भविष्य में दोबारा बाल उग सकेंगे। इसको लेकर वैज्ञानिकों ने चूहे पर सफलता हासिल की है।
वाशिंगटन। गंजेपन के शिकार लोगों के लिए अब एक उम्मीद की किरण फिर से जगी है। दोबारा बाल उगाने के नाम पर वर्तमान में हेयर इंप्लांट जैसी तकनीक के लिए लोग लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं। लेकिन, उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इंसान के सिर पर दोबारा बाल उग सकेंगे। फिलहाल इस पर वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली है और वे चूहे पर बाल उगाने में सफल हो गए हैं। इसके लिए वैज्ञानिकों ने मानव शरीर की स्टेम सेल का इस्तेमाल किया है। इस प्रयोग में चूहे के शरीर पर अनगिनत बाल उगने से वैज्ञानिकों में भी उत्साह है।
इस प्रयोग में मिली सफलता को वैज्ञानिकों ने गुरुवार को आयोजित इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर स्टेम सेल रिसर्च (ISSCR) कांफ्रेंस में शेयर किया। यह प्रेस कांफ्रेंस अमेरिका के लॉस एंजेलिस में आयोजित की गई थी। सेनफॉर्ड बर्नहेम प्रेबिज मेडिकल डिस्कवरी इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने मानव शरीर की स्किन के जरिए हेयर फॉलिसेल्स क्रिएट किया है। इसने ही वैज्ञानिकों को चूहों के शरीर पर प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल उगाने के लिए प्रेरित किया। यहीं से वैज्ञानिकों को इंसान के सिर पर दोबारा बाल उगाने की उम्मीद भी जगी है।
आपको यहां पर बता दें कि सिर पर प्राकृतिक तरीके से बाल उगाने को लेकर पूरी दुनिया में शोध चल रहे हैं। ताजा शोध से पहले 2015 में भी इसी तरह का एक शोध सामने आया था। इसमें कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा खोजने का दावा किया था जिससे सिर पर बालों को दोबारा उगाया जा सकता है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टर क्रिस्टियानो के मुताबिक इस प्रयोग में भी चूहों का ही इस्तेमाल किया गया था। उनका कहना था कि यह प्रयोग इंसानों पर भी सफल हो सकता है।
अपने इस प्रयोग मे वैज्ञानिकों ने पहले दो चूहों के शरीर पर यह दवा उस जगह लगाई गई। जिसमें एक चूहा जिसके बाल थे और एक जिसके बाल नहीं। इसके बाद करीब 3 सप्ताह बाद इन चूहों में परिणाम साफ दिखने लगे। वैज्ञानिक डॉक्टर क्रिस्टियानो का कहना है यह दवा जो ग्रोविंग प्रॉसेस को बढा़ने में कारगर साबित हुई। तीन सप्ताह बाद देखा गया कि चूहे के शरीर पर बाल पूरी तरह से उग आए।