Coronavirus Update: कोरोना के जोखिम वाले क्षेत्रों का पता लगाने को नया तरीका विकसित
शोधकर्ताओं ने उन संभावित हॉटस्पाट का पता लगाने के लिए एक नई और ऐसी रणनीति विकसित की है जहां से कोरोना के प्रसार का जोखिम सबसे अधिक होता है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। कोविड-19 के प्रसार को रोकने और उससे निपटने के लिए लिए पूरी दुनिया में शोध और अनुसंधान हो रहे हैं, इसी क्रम में शोधकर्ताओं ने उन संभावित हॉटस्पाट का पता लगाने के लिए एक नई और ऐसी रणनीति विकसित की है जहां से कोरोना के प्रसार का जोखिम सबसे अधिक होता है। इसके लिए शोधकर्ता मौजूदा सेलुलर (मोबाइल) वायरलेस नेटवर्को के डाटा का इस्तेमाल करेंगे। कहा जा रहा है कि यह नई तकनीक एक ऐसी उपलब्धि होगी जो वैश्विक महामारी की रोकथाम में पूरी दुनिया के लिए मददगार साबित हो सकती है।
भीड़-भाड़ वाले इलाकों की पहचान में मदद करेगी
अमेरिका की कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के एडविन चोंग समेत अन्य शोधकर्ताओं के मुताबिक यह नई तकनीक सिटी सेंटर जैसे सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों की पहचान में मदद करेगी जहां वायरस के ऐसे वाहकों के कई स्वस्थ लोगों से करीब से संपर्क में आने की संभावना बहुत अधिक होती है जिनमें संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आते हैं। इस तकनीक का संपूर्ण ब्योरा आइईईई ओपन जर्नल ऑफ इंजीनियरिंग इन मेडिसिन एंड बायोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।
कोरोना के प्रसार से बचाने में मदद मिलेगी
बिना लक्षण वाले ऐसे संक्रमण वाहकों के मोबाइल डाटा के रिकार्ड से उन क्षेत्रों को कोरोना के प्रसार से बचाने में मदद मिलेगी जहां वायरस किसी देश के घनी आबादी वाले इलाकों में विनाशकारी प्रभाव डालता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि वे उनके मोबाइल डाटा के माध्यम से उनके आवागमन के साथ-साथ इस बात का पता लगाएंगे कि वे कहां एकत्र होते हैं। इसके लिए वे हैंडओवर और सेल (रि) सेलेक्शन प्रोटोकॉल का उपयोग करेंगे। ये प्रोटोकॉल एक तरह की सेलुलर नेटवर्क तकनीक है जो बिना सर्विस गंवाए लोगों को अपने मोबाइल फोन के साथ मुक्तरूप से आवागमन की अनुमति देती है।