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वैज्ञानिकों ने खोज निकाला, कोरोना प्रसार के जोखिम वाले क्षेत्रों का पता लगाने का नया तरीका

वैज्ञानिकों ने उन स्थानों का पता लगाने के लिए एक नई गैर आक्रामक रणनीति विकसित की है जो उन संभावित क्षेत्रों को इंगित करेंगे जहां से कोविड-19 के प्रसार का जोखिम अधिक होगा।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 02:06 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 02:06 PM (IST)
वैज्ञानिकों ने खोज निकाला, कोरोना प्रसार के जोखिम वाले क्षेत्रों का पता लगाने का नया तरीका
वैज्ञानिकों ने खोज निकाला, कोरोना प्रसार के जोखिम वाले क्षेत्रों का पता लगाने का नया तरीका

ह्यूस्टन, पीटीआइ। कोरोना वायरस संक्रमण को खत्‍म करने का फिलहाल एक ही तरीका है कि सभी संक्रमितों की पहचान कर उनका इलाज किया जाए। वहीं, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नए संभावित संक्रमित क्षेत्रों की जल्‍द से जल्‍द पहचान की जाए। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की भी यही गाइडलाइन है। हालांकि, संभावित संक्रमित क्षेत्रों को ढूंढ़ पाना बेहद मुश्किल काम था, जिसे वैज्ञानिकों ने अब कुछ आसान कर दिया है। वैज्ञानिकों ने उन स्थानों का पता लगाने के लिए एक नई, गैर आक्रामक रणनीति विकसित की है, जो उन संभावित क्षेत्रों को इंगित करेंगे जहां से कोविड-19 के प्रसार का जोखिम अधिक होगा। इसके लिए वे मौजूदा मोबाइल वायरलैस नेटवर्कों से डेटा का प्रयोग करेंगे।

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दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच यह ऐसी उपलब्धि है, जो वैश्विक महामारी की रोकथाम में मददगार साबित हो सकती है। अमेरिका की कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के एडविन चोंग समेत अन्य वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह नई तकनीक सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाले स्थानों की पहचान में मदद करेगा जहां वायरस के ऐसे वाहकों के कई स्वस्थ लोगों से करीब से संपर्क में आने की आशंका बहुत ज्यादा होगी जिनमें रोग के लक्षण नजर नहीं आते हैं।

बताया जा रहा है कि इस तकनीक से उन क्षेत्रों को ऐसे परिदृश्यों से बचने में मदद मिलेगी, जहां वायरस किसी देश के घनी आबादी वाले इलाकों में विनाशकारी प्रभाव डालता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस रणनीति का इस्तेमाल कर वे यह समझने की उम्मीद करते हैं कि मोबाइल उपयोगकर्ता किसी क्षेत्र में कैसे आवागमन करते हैं और जुटते हैं। इसके लिए वे हैंडओवर और सेल (पुन:) चयन प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं। इस तकनीक का संपूर्ण ब्योरा ‘आईईईई ओपन जर्नल ऑफ इंजीनियरिंग इन मेडिसिन एंड बायोलॉजी’ में दिया गया है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण दुनियाभर में बड़ी तेजी से फैल रहा है। अभी तक इसकी कोई दवा या वैक्‍सीन भी ईजाद नहीं हो पाई है। ऐसे में नई-नई इस जानलेवा संक्रमण को रोकने के लिए अपनाई जा रही हैं। दुनियाभर में अब तक 10,258,151 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 504,613 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में सबसे ज्‍यादा 2,637,077 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुकेहैं और 128,437 लोग अब तक मारे गए हैं।


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