गर्भवती महिलाओं से नवजातों में नहीं फैलता संक्रमण, वैज्ञानिकों ने किया नया दावा
एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि तीसरी तिमाही के दौरान सार्स-सीओवी-2 (SARS-CoV-2) यानी कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाली गर्भवती महिलाओं के नवजात शिशुओं में संक्रमण प्रसारित करने की संभावना न के बराबर होती है।
वाशिंगटन, आइएएनएस। कोरोना वायरस (कोविड-19) पर अनुसंधान कार्य दिन-रात जारी हैं। इसी कड़ी में इसके संक्रमण को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि तीसरी तिमाही के दौरान सार्स-सीओवी-2 यानी कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाली गर्भवती महिलाओं के नवजात शिशुओं में संक्रमण प्रसारित करने की संभावना न के बराबर होती है।
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा वित्त पोषित इस अध्ययन में लगभग 127 गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया था। इन महिलाओं को इस साल वसंत के मौसम में बोस्टन के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, इसमें से 64 महिलाएं कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाई गईं, लेकिन इनके नवजातों में सार्स-सीओवी-2 का संक्रमण देखने को नहीं मिला।
यूनिस कैनेडी श्रीवर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डवलपमेंट की निदेशक डायना बियांची ने कहा, 'इस अध्ययन से यह आश्वासन मिलता है कि तीसरी तिमाही के दौरान कोरोना वायरस के गर्भनाल से गुजरने की संभावना नहीं है, लेकिन इसकी पुष्टि करने के लिए अभी और अधिक गहन अध्ययन किए जाने की जरूरत है।
जर्नल जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि ये परिणाम सीमित महिलाओं पर किए गए अध्ययन पर आधारित हैं। गर्भावस्था के दौरान पहली और दूसरी तिमाही के दौरान संक्रमित महिलाओं का डाटा अभी इकट्ठा किया जा रहा है, जिसके बाद उनका मूल्यांकन किया जाएगा।
शोधकर्ताओं ने कहा कि उनके निष्कर्ष कोरोना वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं की देखभाल में सुधार लाने में सहायता कर सकते हैं, साथ ही साथ गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के लिए नई रणनीतियां बनाने में मदद कर सकते हैं।