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शोधकर्ताओं का दावा- मंगल ग्रह की सतह होता है खारे पानी का निर्माण

एक अध्ययन में दावा किया गया है कि मंगल ग्रह की सतह पर वर्ष में एक बार कुछ दिनों के लिए खारे पानी का निर्माण होता है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 07:07 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 07:07 PM (IST)
शोधकर्ताओं का दावा- मंगल ग्रह की सतह होता है खारे पानी का निर्माण
शोधकर्ताओं का दावा- मंगल ग्रह की सतह होता है खारे पानी का निर्माण

वाशिंगटन, प्रेट्र: मंगल ग्रह की सतह पर वर्ष में एक बार कुछ दिनों के लिए खारे पानी का निर्माण होता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। अमेरिका में प्लैनेटरी साइंस इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने बाताया कि हालांकि, इस लाल ग्रह पर तरल पानी का आना मुश्किल है। क्योंकि, बर्फ अपने पिघलने के बिंदु तक पहुंचने से बहुत पहले वातावरण में फैलकर विलुप्त हो जाती है।

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वरिष्ठ वैज्ञाकि नॉबर्ट शॉर्गोफर ने बताया कि मंगल ग्रह में बर्फ से भरपूर ठंडे क्षेत्र भी मौजूद हैं और बिना बर्फ वाले गर्म क्षेत्र भी। ठंडे और बर्फ से भरपूर क्षेत्रों में तापमान कभी भी स्वीट पॉइंट पर नहीं होता। जिससे की बर्फ पिघल सके। स्वीट पॉइंट उस तापमान के उस बिंदु को कहते हैं, जिसमें बर्फ पिघलने लगती है और तरल दृव्य बनता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि मंगल के बर्फीले क्षेत्रों में तापमान के स्वीट पॉइंट तक पहुंचना असंभव है।

एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि मंगल की सतह पर मध्य अक्षांश में एक बोल्डर (ऊंची पहाड़ी) स्थित है। इस वजह से इस पहाड़ी की छांव वाला हिस्सा अधिकतम ठंडा होता है। इसके पीछे हमेशा बर्फ जमी रहती है।

जब सूर्य वसंत के मौसम में मंगल पर फिर से उगता है तो यहां की बर्फ गर्म होती है। विस्तृत माडल गणना में शोधकर्ताओं ने पाया कि तापमान माइनस 128 डिग्री सेल्सियस से दोपहर के समय माइनस 10 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। एक चौथाई दिन में ही इतना बड़ा बदलाव हो जाता है। माइनस दस डिग्री भी वह तापमान नहीं होता जहां पर पानी (एचटूओ) तरल अवस्था में मिल सके, लेकिन शोधकर्ताओं ने बताया कि नमक युक्त सतह पर बर्फ के तरल अवस्था में बदलने का तापमान बिंदु घट जाता है। इसलिए माइनस 10 डिग्री सेल्सियस में खारा दृव्य बनता है, लेकिन यह स्थिति कुछ समय के लिए होती है। मंगल पर हर साल यही प्रक्रिया होती है। बोल्डर की छांव वाली जगह इनती ठंडी होती है कि न केवल पानी बल्कि कॉर्बन डाईऑक्साइड भी जम जाती है।

पानी के त्रिगुण बिंदु के बराबर है मंगल का दाब

मंगल ग्रह का वायुमंडलीय दबाव पानी के अणुओं (एचटूओ) के त्रिगुण बिंदु के करीब ही होगा। त्रिगुण बिंदु उस स्थिति को कहा जाता है, जिस पर कोई पदार्थ तरल, ठोस और गैसीय अवस्था में संतुलित मात्रा में मौजूद होता है। शुद्ध पानी का त्रिगुण बिंदु 0.1 डिग्री सेल्सियस होता है।


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