Putin and Macron Talk: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की बातचीत, एजेंडे में ये मुद्दे
Russia Ukraine Tension फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एकबार फिर एक दूसरे से टेलीफोन पर बातचीत की है। दोनों नेताओं के बीच किन मुद्दों पर हुई बातचीत जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
मास्को, एजेंसियां। रूस और यूक्रेन के टकराव के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने एकबार फिर एक दूसरे से फोन पर बातचीत की है। क्रेमलिन ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को फोन पर यूक्रेन की स्थिति को लेकर चर्चा की। सनद रहे रूस के रक्षा मंत्रालय ने इसकी पहले ही आशंकाएं जताई थी।
पुतिन ने कहा कि दक्षिणी यूक्रेन में रूस नियंत्रित जेपोरिजिया परमाणु संयंत्र पर यूक्रेनी सेना की ओर से गोलाबारी की गई जिसने बड़े पैमाने पर तबाही का खतरा पैदा किया है। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों राष्ट्रपति (Vladimir Putin and Emmanuel Macron) परमाणु संयंत्र में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की ओर से टीम भेजे जाने पर सहमत हैं। क्रेमलिन के अनुसार, इस बातचीत में पुतिन ने मैक्रों को दुनिया के बाजारों में रूसी खाद्य और उर्वरक उत्पादों की आपूर्ति में आ रही बाधाओं से भी अवगत कराया।
उल्लेखनीय है कि दोनों मुल्कों के राष्ट्रपतियों के बीच यह वार्ता ऐसे वक्त हुई है जब क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ रहा है। यहां तक कि रूस ने जपोरीजिया स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र को बंद करने की चेतावनी दी थी। वहीं यूक्रेन का कहना है कि यदि रूस ने ऐसा कदम उठाया तो इससे बड़ी आपदा उत्पन्न हो सकती है। रायटर की हालिया रिपोर्टों के मुताबिक रूस ने परमाणु संयंत्र के आसपास से सैनिक हटाने की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मांग मानने से इन्कार कर दिया था।
दूसरी ओर लिथुआनिया की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों पर रूस भड़क गया है। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी आरआइए ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया है कि रूस ने कैलिनिनग्राद में घातक किंजल हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस तीन मिग-31ई युद्धक विमानों को तैनात किया है। बताया जाता है कि ये लड़ाकू विमान क्षेत्र में 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। बाल्टिक सागर से लगा कैलिनिनग्राद रूस का वह क्षेत्र है, जो नाटो एवं यूरोपीय संघ के सदस्य पोलैंड तथा लिथुआनिया से घिरा है।