2016 में रूस ने की थी डोनाल्ड ट्रंप की मदद, चुनावों से पहले बड़ा झटका
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने रिपब्लिकन पार्टी के राजनीतिक मामलों के प्रबंधक पॉल मैनफोर्ट और विकीलीक्स के जरिये 2016 के चुनाव को प्रभावित किया था।
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से महज ढाई महीने पहले आई सीनेट की खुफिया मामलों की कमेटी की रिपोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जोर का झटका दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने रिपब्लिकन पार्टी के राजनीतिक मामलों के प्रबंधक पॉल मैनफोर्ट और विकीलीक्स के जरिये 2016 के चुनाव को प्रभावित किया था। इस चुनाव में ट्रंप को डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन के मुकाबले अप्रत्याशित जीत हासिल हुई थी। जाहिर है कि आने वाले दिनों में यह रिपोर्ट चुनाव प्रचार में अहम मुद्दा बनेगी।
विकीलीक्स और मैनफोर्ट के जरिये किया चुनाव में हस्तक्षेप
सीनेट अमेरिकी संसद का उच्च सदन है और इस सदन में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। लेकिन इसी सदन की समिति ने ट्रंप के खिलाफ रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में कहा गया है- विकीलीक्स ने ट्रंप को मिली रूसी मदद में अहम भूमिका निभाई। विकीलीक्स जानती थी कि यह सब रूसी खुफिया एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। इस अभियान को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद देख रहे थे और कंप्यूटर नेटवर्क हैक करवाकर ऐसी जानकारियां फैला रहे थे जिनसे हिलेरी को नुकसान हो।
रूस के इस पूरे अभियान में मैनफोर्ट उसकी मदद कर रहे थे। दोनों के बीच की कड़ी ओलीगार्च ओलिज डेरीपास्का और रूसी जासूस कोंस्टेटाइन किलीमिंक थे। इनके बीच संबंध चुनाव से पहले भी थे और चुनाव के बाद भी। शक यह भी है कि मैनफोर्ट ट्रंप के कामकाज की सूचनाएं भी रूसी खुफिया एजेंसियों तक पहुंचाते थे।
यह अमेरिका की सुरक्षा के साथ बड़ा समझौता था। यह रिपोर्ट आगामी तीन नवंबर के चुनाव पर कितना असर डालेगी, यह आने वाला समय बताएगा। लेकिन ओपीनियन पोल बता रहे हैं कि डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी जो बिडेन उन सभी स्थानों पर अच्छी-खासी बढ़त लिए हुए हैं, जहां पिछले चुनाव में ट्रंप मामूली बढ़त के साथ जीते थे। सीनेट की इस रिपोर्ट से पहले अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच विशेष जांचकर्ता रॉबर्ट मूलर ने भी की थी लेकिन दो साल की जांच के बाद वह रूसी हस्तक्षेप के सुबूत नहीं जुटा पाए थे और नतीजे पर पहुंचे बगैर उन्होंने जांच बंद कर दी थी।