घर के हर काम में हाथ बंटाएंगे रोबोट, टीवी चालू करने से लेकर कॉफी बनाने में होंगे सहायक
दुनियाभर के वैज्ञानिक वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता (एआइ)) और रोबोटिक्स के क्षेत्र में विकास करने में लगे हुए हैं।
बोस्टन [प्रेट्र]। दुनियाभर के वैज्ञानिक वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता (एआइ)) और रोबोटिक्स के क्षेत्र में विकास करने में लगे हुए हैं। वे एआइ आधारित ऐसा रोबोट तैयार करना चाहते हैं, जिससे हमारा जीवन बेहद आसान हो सके। इसी कड़ी में वैज्ञानिक एक खास एआइ प्रणाली पर काम कर रहे हैं। इसके जरिये ऐसे वर्चुअल एजेंटों को तैयार किया जा रहा है, जो घर के लगभग हर काम में इंसानों का हाथ बंटाने के लिए रोबोट को तैयार करेंगे। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस प्रणाली के जरिये भावी रोबोट्स को तैयार करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
सिस्टम का नाम रखा वर्चुअलहोम
कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो और अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के वैज्ञानिकों की टीम इस पर काम कर रही है। वैज्ञानिकों ने विभिन्न गतिविधियों के जरिये करीब तीन हजार प्रोग्राम तैयार किए हैं, जिसे आगे चलकर कंप्यूटर को समझाने के लिहाज से उपकार्यों यानी सबटास्क में बांटा जा सकता है। वैज्ञानिकों ने इस सिस्टम का नाम वर्चुअलहोम रखा है।
इन कामों को करेंगे आसानी से
वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक प्रोग्राम को कई उपकार्यों में बांटने का मतलब यह है कि एक प्रोग्राम के तहत रोबोट कई कार्य कर सकेंगे। मसलन, वे हमारे लिए कॉफी बना सकेंगे, इसमें कप पकड़ना भी शामिल है।
3डी वर्ल्ड में किया प्रदर्शन
वैज्ञानिकों ने सिम्स से प्रेरित एक 3डी वर्ल्ड में वर्चुअलहोम का प्रदर्शन किया, जो कि जीवन पर आधारित एक तरह का वीडियो गेम है। इसमें वैज्ञानिकों ने दिखाया कि सिम्स-स्टाइल वल्र्ड में एआइ एजेंट उनके करीब एक हजार आदेशों को मान सकता है। इसके लिए लिविंग रूम, किचन, डायनिंग रूम, बेडरूम और होम ऑफिस जैसे आठ अलग-अलग दृश्यों में एआइ एजेंट को काम करता हुआ दिखाया गया।
अनुमान नहीं लगा सकते रोबोट
एमआइटी में पीएचडी छात्र जेवियर पुइग के मुताबिक, किसी भी टास्क को पूरा करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम के रूप में कार्यों के बताने से मदद मिलती है। ये प्रोग्राम रोबोट या एक वर्चुअल किरदार को कई टास्क सिखाने का काम कर सकते हैं। इंसानों के विपरीत, रोबोट को किसी काम को सीखने और उसमें महारत हासिल करने के लिए एकदम स्पष्ट निर्देशों की जरूरत होती है। चूंकि रोबोट मनुष्यों की तरह किसी कार्य को लेकर अनुमान नहीं लगा सकते इसलिए उन्हें हर काम का बारीक से बारीक प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है। वर्चुअल एजेंट निर्देश देने का ही काम करेंगे।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, किसी व्यक्ति से कहा जाए कि टीवी ऑन करके सोफे पर बैठ जाओ तो वह रिमोट से टीवी ऑन करेगा और सोफे पर बैठ जाएगा। रोबोट के मामले में ऐसा नहीं है। इतना ही संदेश उसे देने पर यदि उससे उम्मीद करते हैं कि वह इंसान की तरह काम करे तो उसे बेहतर तरीके से प्रोग्राम करना पड़ेगा। इसकी वजह इस छोटे से निर्देश में कई काम शामिल हैं। जैसे टीवी तक जाना, रिमोट उठाना, उससे टीवी चालू करना, सोफे तक आना और उस पर बैठना शामिल है।
काफी हद तक मिल चुकी है सफलता
वैज्ञानिकों के मुताबिक, उन्हें इस काम में काफी हद तक सफलता मिल चुकी है। उन्होंने ऐसा वर्चुअल एजेंट तैयार कर लिया है, जो छोटे संदेश में पूरा कार्य कराने के लिए रोबोट को तैयार कर सकता है।