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वैज्ञानिकों ने डाटा संग्रह करने वाला दुनिया का सबसे छोटा डिवाइस बनाया, बदलेगी कंप्‍यूटिंग की दुनिया की तस्‍वीर

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा मेमॉरी डिवाइस बनाया है जिससे आने वाले दौर पर कंप्‍यूटिंग के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। वैज्ञानिकों ने डाटा जमा करने के लिए दुनिया का सबसे छोटा उपकरण बनाया है। इससे ब्रेन इंस्पायर्ड कंप्यूटिंग के लिए छोटे चिप बनाए जा सकेंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 05:35 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 05:35 PM (IST)
वैज्ञानिकों ने डाटा संग्रह करने वाला दुनिया का सबसे छोटा डिवाइस बनाया, बदलेगी कंप्‍यूटिंग की दुनिया की तस्‍वीर
वैज्ञानिकों ने डाटा जमा करने के लिए दुनिया का सबसे छोटा उपकरण बनाया है।

ह्यूस्टन, पीटीआइ। वैज्ञानिकों ने डाटा जमा करने के लिए दुनिया का सबसे छोटा उपकरण बनाने में कामयाबी पाई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस आविष्‍कार से आने वाले वक्‍त में 'ब्रेन इंस्पायर्ड कंप्यूटिंग' के लिए तेज, छोटे और इनर्जी बचाने वाले इलेक्ट्रॉनिक चिप बनाए जा सकेंगे। अमेरिका के ऑस्टिन स्थित टेक्सास विश्‍वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने उस भौतिक सिद्धांत का भी पता लगाने का दावा किया है जिसकी मदद से दुनिया का यह सबसे छोटा मेमॉरी डिवाइस काम करता है।

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यह अध्‍ययन जर्नल नेचर नैनोटेक्नोलॉजी में हाल ही में प्रकाशित हुआ है। इस अनुसंधान पत्र के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने जिस मेमॉरी डिवाइस को डेवलप किया है वह अब तब मौजूद दुनिया के सबसे पतले डाटा संग्रह उपकरण से भी छोटा है। इसका आकार महज एक वर्ग नैनोमीटर है। वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह उपकरण आने वाले वक्‍त में ब्रेन इंस्पायर्ड कंप्यूटिंग यानी मस्तिष्क के तंत्र पर आधारित गणना मॉडल की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस यंत्र के सूक्ष्म छिद्र ही डाटा कलेक्‍शन की कुंजी के तौर पर काम करते हैं। अध्‍ययन के सह लेखकर देजी अकिनवांडे ने बताया कि जब धातु के एक अतिरिक्त परमाणु को नैनो आकार के छेद में डाला जाता है तो यह संवाहकता अंतरित करता है जिससे डाटा जमा करने की क्षमता में इजाफा होता है। वैज्ञानिकों ने नैनो वस्तु यानी डिवाइस के तौर पर मोलिब्डेनम डाइसल्फाइड का इस्तेमाल किया।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सिद्धांत के जरिए एटम बेस्‍ड सैकड़ों पतली वस्तुएं बनाई जा सकती हैं। आवे वाले वक्‍त में यह चिप कंप्‍यूटिंग के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। यह तकनीक छोटे प्रोसेसर, छोटे कम्प्यूटर और स्‍मॉल साइज के फोन बनाने में मददगार साबित होगी। यह चिप क्षमता बढ़ाने के साथ साथ ऊर्जा की खपत को भी कम करती है। ऐसी डिवाइस के जरिए प्रति वर्ग सेंटीमीटर चिप में करीब 25 टेराबिट्स डाटा कलेक्‍ट किया जा सकता है। यह तकनीक डाटा को सुरक्षित रखने के लिहाज से भी मुफीद मानी जा रही है।  


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