अगर आपके बच्चे भी रहते है अकेले, तो उनमें बढ़ रहा है ये जोखिम- शोध
कार्नेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया दावा। ऐसे बच्चों में एक तिहाई ज्यादा रहती है मोटापा होने की संभावना।
न्यूयॉर्क, आइएएनएस। बदलती जीवनशैली को मोटापे का एक प्रमुख कारण माना जाता है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने मोटापे के संबंध में एक नया दावा किया है। उनका कहना है कि जो बच्चे अकेले रहते हैं या बढ़ती उम्र में जिन बच्चों के आस-पड़ोस में कोई नहीं रहता है या जिन्हें पड़ोसियों का साथ नहीं मिल पाता, उनमें वयस्क होने पर मोटापे की संभावना अन्य बच्चों के मुकाबले लगभग एक तिहाई ज्यादा रहती है।
इस अध्ययन के लेखक और कार्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीवन अल्वराडो ने अभिभावकों को आगाह करते हुए कहा कि बढ़ती उम्र में बच्चों का घर से बाहर निकलकर खेलना-कूदना जरूरी है। यदि बच्चे शुरुआती वर्षो में घर से बाहर ही नहीं निकलते तो भविष्य में उनके शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और वयस्क होते-होते उनमें मोटापे की शिकायत देखने को मिलती है।
अध्ययन में बताया गया है कि जो बच्चे 10 साल की उम्र तक अकेले रहे हैं, उनमें वयस्क होने पर मोटापे की शिकायत होने की आशंका अन्य के मुकाबले 16 फीसद ज्यादा रहती है, जबकि 11 से 19 साल की उम्र के बच्चे यदि अकेले रहते हैं तो उनमें मोटापा होने की संभावना 29 फीसद ज्यादा रहती है।
पड़ोसियों से वंचित लोगों को शोधकर्ताओं ने सात भागों में बांटा है, इसमें औसत आय, घर की स्थिति, गरीबी में रहे परिवारों की संख्या, बेरोगारी और स्नातक की डिग्री धारकों को शामिल किया गया था।
शोधकर्ताओं ने कहा कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए शारीरिक व्यायाम जरूरी है। यदि बचपन में ही वह खेलने कूदने के लिए बाहर नहीं निकलेंगे तो उम्र बढ़ने के साथ-साथ मोटापा होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वह यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को खेलने के लिए घर से बाहर भेजें।