महाभियोग पर रिपब्लिकन नेताओं के अलग अलग सुर, आरोपों को खारिज करने के खिलाफ उठाई आवाज
President Donald Trump के खिलाफ महाभियोग पर सुनवाई शुरू होने से पहले कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने बिना किसी सुनवाई के आरोपों को खारिज करने की कोशिश के खिलाफ आवाज उठाई है।
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में 21 जनवरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप President Donald Trump के खिलाफ महाभियोग पर सुनवाई शुरू होने की खबरों के बीच रिपब्लिकन नेताओं के अलग अलग सुर सामने आने लगे हैं। कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ बिना किसी सुनवाई के आरोपों को खारिज करने की किसी भी कोशिश के खिलाफ आवाज उठाई है।
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप ने बीते दिनों सिनेट को सलाह दी थी कि उसे (संसद का उच्च सदन) ऐसे महाभियोग से जुड़े किसी भी प्रस्ताव को सामान्य तरीके से खारिज कर देना चाहिए। ट्रंप की यह सलाह महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग से कुछ दिन पहले आई है। ट्रंप ने कहा था कि सारी प्रक्रिया राजनीतिक कारणों से चलाई जा रही है और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी चुनाव से पहले इस कोशिश के जरिये सियासी खेल कर रही है ताकि उसे फायदा हो जाए।
'द न्यू यॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष रिपब्लिकन नेता मिसौरी के सीनेटर रॉय ब्लंट ने कहा कि हमारे सांसद आम तौर पर आरोपों को खारिज करने के प्रस्ताव में दिलचस्पी नहीं रखते हैं। उन्हें लगता है कि दोनों पक्षों को निष्पक्ष रूप से सुने जाने की जरूरत है। ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव सीनेट (संसद का उच्च सदन) में चर्चा के लिए प्रस्तावित है। प्रतिनिधि सभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई को संसद के ऊपरी सदन सीनेट में भेजने के लिए निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में आज यानी बुधवार को मतदान होगा। मालूम हो कि 435 सदस्यीय चिनले सदन में विपक्षी डेमोक्रेट्स बहुमत में हैं। ट्रंप के खिलाफ पिछले महीने महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
ट्रंप पर निजी फायदे के लिए पद के दुरुपयोग का आरोप है। आरोपों में कहा गया है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेंस्की पर डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बिडेन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए दबाव डाला था। यही नहीं विपक्ष का यह भी कहना है कि ट्रंप ने संसद की जांच में बाधा डालने की भी कोशिश की। बीते दिनों सीनेट में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के नेता मिच मैककॉनेल ने महाभियोग के लिए सुबूतों की कमी बताते हुए प्रतिनिधि सभा से सारे साक्ष्य मांगे थे।