पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समूहों ने अमेरिका में खोला मोर्चा, लगाई मदद की गुहार
अमेरिका में पाक अल्पसंख्यकों ने देश में हो रहे अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पाक सरकार पर धार्मिक आधार पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
वाशिंगटन, प्रेट्र। पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने अपने मुल्क की सरकार के खिलाफ अमेरिका में मोर्चा खोला है। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति भवन ह्वाइट हाउस के सामने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि उन्हें पाकिस्तान में नरसंहार का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने आजादी का अधिकार पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पाकिस्तान ने उनके सफाये के लिए अल्पसंख्यकों की पहचान का अभियान चला रखा है। इस विरोध प्रदर्शन के प्रमुख आयोजक मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) अमेरिका के रेहान इबादत ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय का यह कर्तव्य बनता है कि वह हमारी दशा को समझे और स्वतंत्रता का अधिकार पाने में हमारी मदद करे।'
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने एक संयुक्त बयान में कहा, 'पाकिस्तान में जुल्म के शिकार अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिनिधित्व करने के लिए हम सामूहिक प्रयास के तौर पर यहां एकत्र हुए। हम मुहाजिर, बलूच, गिलगिट-बाल्टिस्तान, पश्तून और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लोग अपने स्वतंत्रता के अधिकार के लिए पृथक क्षेत्र की मांग करते हैं।' इससे पहले बड़ी संख्या में इन समुदायों के लोग रैली निकालकर ह्वाइट हाउस के सामने पहुंचे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर और पोस्टर भी थे। इन पर पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रहे अत्याचार का जिक्र किया गया था।
'पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र'
अमेरिका में बलूच नेशनल मूवमेंट का प्रतिनिधित्व करने वाले नबी बख्श ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करता है। पाकिस्तान ना सिर्फ वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है बल्कि पड़ोसी देशों भारत और अफगानिस्तान में हमले करने वाले आतंकी संगठनों का पनाहगाह भी है।
'अमेरिका को सिर्फ नुकसान पहुंचाता है पाक'
गिलगिट-बाल्टिस्तान के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले सेंग एच सेरिंग ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ाई के नाम पर अमेरिका से अरबों डॉलर लेता है, लेकिन वह सिर्फ अमेरिका को नुकसान पहुंचाने का काम करता है।