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दक्षिण एशिया में 'पर्दे के पीछे से आतंकवाद' के इस्तेमाल की क्वाड नेताओं ने की निंदा

अमेरिका में हुए क्वाड बैठक में शामिल चार देशों के शीर्ष नेताओं ने एक सुर में आतंकवाद के खिलाफ व इंडो पैसिफिक में शांति कायम करने को लेकर आवाज उठाई। दक्षिण एशिया में आतंकवाद का इस्तेमाल पर्दे के पीछे करने को लेकर क्वाड नेताओं ने पाकिस्तान की निंदा की।

By Monika MinalEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 04:14 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 04:14 AM (IST)
दक्षिण एशिया में 'पर्दे के पीछे से आतंकवाद' के इस्तेमाल की क्वाड नेताओं ने की  निंदा
क्वाड नेताओं ने की दक्षिण एशिया में 'पर्दे के पीछे से आतंकवाद' के इस्तेमाल की निंदा

वाशिंगटन, प्रेट्र।  क्वाड देशों (अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान) के नेताओं ने दक्षिण एशिया में 'पर्दे के पीछे से आतंकवाद के उपयोग' (प्राक्सी आतंकवाद) के इस्तेमाल की निंदा की। उनका इशारा परोक्ष रूप से पाकिस्तान की तरफ था। नेताओं ने आतंकी संगठनों को किसी भी समर्थन से इनकार करने के महत्व पर जोर दिया।  उनका कहना था कि इसका इस्तेमाल कर सीमा पार हमलों  को अंजाम दिया जा सकता है।

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क्वाड नेताओं- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जापानी प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और उनके आस्ट्रेलिया समकक्ष स्काट मारिसन ने कहा कि वे अफगानिस्तान के प्रति अपनी कूटनीतिक, आर्थिक और मानवाधिकार की नीतियों का करीब से समन्वय करेंगे। साथ ही  दक्षिण एशिया में अपने आतंकरोधी व मानवीय सहयोग को और मजबूती देंगे।

क्वाड समिट के दौरान संयुक्त बयान में कहा गया, 'हम पर्दे के पीछे से आतंकवाद के इस्तेमाल की निंदा करते हैं और आतंकवादी समूहों को किसी भी सैन्य, वित्तीय या सैन्य सहायता से इन्कार करने के महत्व पर जोर देते हैं, जिसका उपयोग सीमा पार हमलों सहित आतंकवादी हमलों को शुरू करने या योजना बनाने के लिए किया जा सकता है।'

क्वाड नेताओं ने कहा कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने या प्रशिक्षित करने  के लिए नहीं किया जाना चाहिए। 

भारत-अमेरिका मुश्किल चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध : बाइडन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ पहली बार आमने-सामने की बैठक के बाद कहा कि भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और दोनों देश मिलकर मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी, लोकतांत्रिक मूल्यों और सामरिक हितों के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर टिकी है।


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