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मनोविकारों से बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण का खतरा, जीन विश्लेषण के आधार पर निकाला गया निष्कर्ष

यह निष्कर्ष एक हजार बीमारियों और कोरोना रोगियों में पाए गए खास तरह के दो जीन के विश्लेषण के आधार पर निकाला गया है। विश्लेषण के आधार पर यह जाहिर हुआ कि आनुवांशिक कारकों के चलते कुछ लोगों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने का खतरा उच्च हो सकता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 08:00 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 08:00 PM (IST)
मनोविकारों से बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण का खतरा, जीन विश्लेषण के आधार पर निकाला गया निष्कर्ष
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में एसीई2 और टीपीएमपीआरएसएस2 नामक दो जीन पर गौर किया।

वाशिंगटन, आइएएनएस। कोरोना वायरस (COVID-19) उन लोगों के लिए ज्यादा भारी पड़ रहा है, जो पहले से ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। अब मनोविकारों के चलते भी इस वायरस की चपेट में आने का खतरा जताया गया है। एक नए अध्ययन का दावा है कि कोरोना के गंभीर संक्रमण के लिए डिमेंशिया और दूसरे मनोविकार कारक बन सकते हैं।

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ब्रेन, बिहेवियर एंड इम्युनिटी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में उन लोगों का महामारी के दौर में खास ध्यान दिए जाने पर जोर दिया गया है, जो इस तरह के विकारों से पीड़ित हैं। अमेरिका की जॉर्जिया यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ शोधकर्ता कैक्सियोंग ये ने कहा, 'फिलहाल हम उस तंत्र को नहीं जान पाए हैं, जिसका इस तरह के खतरे से संबंध होता है। हम सिर्फ इतना जानते हैं कि कोरोना रोगियों में इस तरह के संबंध आमतौर पर पाए जा रहे हैं।'

यह निष्कर्ष करीब एक हजार बीमारियों और कोरोना रोगियों में पाए गए खास तरह के दो जीन के विश्लेषण के आधार पर निकाला गया है। विश्लेषण के आधार पर यह जाहिर हुआ कि आनुवांशिक कारकों के चलते कुछ लोगों में कोरोना संक्रमण के गंभीर होने का खतरा उच्च हो सकता है।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में एसीई2 और टीपीएमपीआरएसएस2 नामक दो जीन पर गौर किया। मानव कोशिकाओं में कोरोना के दाखिल होने में इन दोनों जीन की अहम भूमिका होती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना रोगियों में टीपीएमपीआरएसएस2 जीन आमतौर पर पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मनोविकारों और कोरोना संक्रमण के बीच संबंध को समझने के लिए अभी और अध्ययन की जरूरत है।

कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 11 लाख के पार

बता दें कि दुनिया भर में कोरोना के मामले 4 करोड़ 50 लाख के करीब पहुंच चुका है वहीं मरने वालों का आंकड़ा 11 लाख 80 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के ट्रैकर के अनुसार, दुनिया भर में संक्रमितों की संख्या 4 करोड़ 49 लाख 42 हजार 3 हो गई। इस मामले में मरने वालों का आंकड़ा 11 लाख 80 हजार 2 सौ 77 पर पहुंच गया है।  


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